ISS ने भारत के आसमान से भरी उड़ान, कोडैकनाल से कैमरे में कैद हुए शुभांशु शुक्ला

Published : Jul 09, 2025, 03:40 PM ISTUpdated : Jul 09, 2025, 04:20 PM IST
Shubhanshu Shukla ISS Astronaut from India

सार

International Space Station (ISS) भारत के ऊपर से गुजरा, और कोडैकनाल सोलर वेधशाला ने पहली बार इसे कैमरे में कैद किया। onboard मौजूद भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शभांशु शुक्ला के लिए यह ऐतिहासिक क्षण बन गया। 

Shubhanshu Shukla ISS India: तमिलनाडु की पलानी पहाड़ियों में स्थित ऐतिहासिक Kodaikanal Solar Observatory ने भारत के लिए एक और अंतरिक्ष उपलब्धि को अपने कैमरे में दर्ज किया है। रविवार रात जब International Space Station (ISS) भारत के आकाश से गुजरा तो वहां मौजूद वैज्ञानिकों ने इस क्षण को सटीकता से कैमरे में कैद कर लिया। इस खास उड़ान में सबसे महत्वपूर्ण बात ये रही कि ISS में भारत के अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला मौजूद थे जो भारतीय संस्थानों के लिए वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं।

 

 

शुभांशु शुक्ला: अंतरिक्ष में भारत की नई पहचान

शुभांशु शुक्ला ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए ISS में देश की मौजूदगी दर्ज कराई है। एक ग्रुप कैप्टन के रूप में उनकी नियुक्ति अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की तेजी से बढ़ती क्षमता का प्रतीक है। वे इस समय माइक्रोग्रैविटी में भारतीय मेडिकल, फार्मा और सामग्री विज्ञान से जुड़े कई प्रयोग कर रहे हैं।

कैसे खींची गई तस्वीर?

कोडैकनाल वेधशाला के वैज्ञानिक डॉ क्रिस्फिन कार्तिक ने बताया कि इस क्षण को कैद करना बेहद तकनीकी चुनौती था। इसके लिए उन्होंने ISS Detector मोबाइल ऐप का इस्तेमाल कर सटीक समय और लोकेशन का पूर्वानुमान लगाया। कैमरा सेटअप में ISO 4000, फोकल लेंथ 2.2mm, अपर्चर f/2.2 और शटर स्पीड 1/17 सेकंड का उपयोग किया गया जो कम रोशनी में तेज़ी से उड़ते ISS को कैद करने के लिए आदर्श था।

2,343 मीटर ऊंचाई से मिला साफ आकाश का वरदान

कोडैकनाल वेधशाला की ऊंचाई और साफ, धूलरहित आकाश इसे ऐसे फोटोग्राफिक प्रयासों के लिए एकदम उपयुक्त बनाते हैं। इस वेधशाला की स्थापना 1899 में हुई थी और तब से यह सूर्य-अवलोकन में अग्रणी रही है। पर इस बार सूर्य नहीं, बल्कि आकाशगंगा के सितारे फोकस में थे।

भारत का 'स्पेस मोमेंट'

जब पूरी दुनिया की नजरें पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाते ISS पर थीं, उस वक्त भारत की जमीन से उसकी एक झलक कैमरे में कैद करना एक भावनात्मक और वैज्ञानिक दोनों ही स्तर पर विशेष उपलब्धि रही।

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