इस स्वदेशी फाइटर जेट के आगे टिक नहीं पाएगा पाकिस्तान का F-16, जानें ताकत
भारतीय वायुसेना को 31 मार्च तक पहला स्वदेशी LCA मार्क वन फाइटर जेट मिलने वाला है। इसे तेजस मार्क वन भी कहा जाता है। यह तेजस का अपग्रेड वर्जन है। तेजस मार्क वन मल्टीरोल फाइटर जेट है। हवा से हवा में लड़ाई हो या जमीन पर हमला, यह हर तरह के काम करेगा।
Vivek Kumar | Published : Mar 20, 2024 12:04 PM IST
तेजस मार्क वन पाकिस्तानी एयर फोर्स के लड़ाकू विमान F-16 की तरह एक इंजन वाला है, लेकिन ताकत की बात हो तो इसके सामने F-16 टिक नहीं पाएगा। तेजस मार्क वन छोटे आकार और हल्के वजन वाला लड़ाकू विमान है। इसके चलते यह बेहद फुर्तीला है। हवाई लड़ाई में यह खूबी बहुत काम आती है।
तेजस मार्क वन बनाने में बड़ी मात्रा में कम्पोजिट मटेरियल का इस्तेमाल किया गया है। ये रडार तरंगों को रिफ्लेक्ट नहीं करते, दूसरी ओर छोटे आकार के चलते भी इसे रडार से देख पाने में परेशानी होती है।
तेजस विमान को सरकारी कंपनी HAL (हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) बनाती है। रक्षा मंत्रालय ने 83 तेजस मार्क वन विमान खरीदने के लिए 48 हजार करोड़ रुपए में सौदा किया है।
भारतीय वायु सेना द्वारा तेजस विमानों को पाकिस्तान की सीमा के पास के बेस पर तैनात किया जा रहा है। इनकी जिम्मेदारी हमला किए जाने की स्थिति में दुश्मन के विमानों को रोकने की है। इसके साथ ही जरूरत होने पर इससे अटैक भी किया जा सकता है।
43.4 फीट लंबा और 14.5 फीट ऊंचा तेजस विमान 2205 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। इसमें हवा में इंधन भरा जा सकता है। इससे इसका रेंज बढ़ जाता है।
मिसाइल और बम लेकर उड़ने के लिए तेजस मार्क वन विमान में 9 हार्ड प्वाइंट लगाए गए हैं। इसके साथ ही इसमें 22 mm की दो बैरल वाली गन लगी है।
तेजस मार्क वन में पहले से अच्छा मिशन कंप्यूटर, डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर, मल्टी फंक्शन डिस्प्ले, एईएसए रडार, सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर और अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट जैसी सुविधाएं लगाई गईं हैं।
हवा में दूसरे विमान से लड़ाई करनी हो तो तेजस विमान को हवा से हवा में मार करने वाले पाइथन 5, डर्बी, अस्त्र बियॉन्ड विजुअल रेंज, विम्पेल आर-77 और विम्पेल आर-73 मिसाइल से लैस किया जा सकता है।
जमीन पर हमला करना हो तो तेजस को Kh-59ME टीवी गाइडेड स्टैंड-ऑफ मिसाइल, Kh-59MK लेजर-गाइडेड स्टैंड-ऑफ मिसाइल, एंटी-शिप मिसाइल, Kh-35 और Kh-31 मिसाइल से लैस किया जा सकता है।