जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सर्वोच्च बलिदान देने वाले कर्नल मनप्रीत सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र सम्मान मिला है।
नई दिल्ली। भारतीय सेना (Indian Army) के पूर्व कर्नल मनप्रीत सिंह (Colonel Manpreet Singh) को मरणोपरांत कीर्ति चक्र (Kirti Chakra) से सम्मानित किया गया है। सितंबर 2023 में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में उनकी जान गई थी।
राइफलमैन रवि कुमार और मेजर एम नायडू को भी कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है। मुठभेड़ के समय कर्नल मनप्रीत सिंह 19 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) बटालियन का नेतृत्व कर रहे थे। आरआर के साथ उनका कार्यकाल पूरा होने में सिर्फ चार महीने बचे थे।
पंजाब के रहने वाले थे मनप्रीत सिंह
मनप्रीत सिंह मूल रूप से पंजाब के भरोंजियां गांव के रहने वाले थे। यह गांव चंडीगढ़ के पास है। उनके परिवार के लोग नई चंडीगढ़ के DLF में रहते हैं। वह अपने पीछे पत्नी जगमीत ग्रेवाल और दो बच्चे छोड़ गए। उनका बेटा छह साल का और बेटी दो साल की है। जगमीत ग्रेवाल हरियाणा शिक्षा विभाग में इकोनॉमिक्स लेक्चरर की जॉब करती हैं।
मनप्रीत सिंह ने करीब 17 साल तक भारतीय सेना में सेवा दी। उनके पिता भी सेना में थे। उनका देहांत हो गया है। उनकी मां अपने बच्चों के साथ नई चंडीगढ़ में रहती हैं।
आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में गई थी चार जवानों की जान
बता दें कि 13 सितंबर 2023 को अनंतनाग के कोकेरनाग इलाके के गडोले में सेना और पुलिस के जवानों की मुठभेड़ आतंकवादियों के साथ हुई थी। इस घटना में सेना की 19 राष्ट्रीय राइफल्स इकाई के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोंचक, जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं भट और सिपाही प्रदीप सिंह की जान गई थी।
कर्नल मनप्रीत सिंह को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के लार्कीपोरा, जालडूरा और कोकरनाग के सबसे ज्यादा आतंकवाद प्रभावित इलाकों में एक हीरो के तौर पर याद किया जाता है। लोग उन्हें बहादुरी, नेतृत्व और निस्वार्थ बलिदान के प्रतीक के तौर पर याद करते हैं।
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कर्नल मनप्रीत सिंह मिला था सेना पदक
मनप्रीत सिंह को सेना पदक से सम्मानित किया गया था। 19 राष्ट्रीय राइफल्स की बटालियन को अनंतनाग, कोकेरनाग और वेरीनाग अचबल सहित इसके ऊंचे क्षेत्रों में सुरक्षा की जिम्मेदारी मिली थी। यह इलाका आतंकवादियों के लिए पनाहगाह रहा है।
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2021 में कर्नल के तौर पर प्रमोशन के बाद मनप्रीत सिंह को शांति क्षेत्र में पोस्टिंग का विकल्प दिया गया था। उन्होंने इसे ठुकरा दिया था और 19 राष्ट्रीय राइफल्स में रहना व कमान संभालना चुना था। इस बटालियन ने हिजबुल मुजाहिदीन के पोस्टर बॉय बुरहान वानी सहित कई आतंकवादियों को मार गिराया है।