किडनैपिंग को लेकर भारतीय सेना ने PLA से किया संपर्क, राहुल बोले- चीन के कब्जे में है भारत का भाग्य विधाता

Published : Jan 20, 2022, 11:46 AM ISTUpdated : Jan 20, 2022, 11:49 AM IST
किडनैपिंग को लेकर भारतीय सेना ने PLA से किया संपर्क, राहुल बोले- चीन के कब्जे में है भारत का भाग्य विधाता

सार

अरुणाचल प्रदेश में कथित तौर पर चीनी सेना (PLA) द्वारा भारतीय युवक को बंदी बनाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।इस मामले को लेकर भारतीय सेना ने चीन की पीएलए से संपर्क किया है।इस मामले को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर  है।  

नई दिल्ली : भारत के साथ बेवजह का सीमा विवाद (India China border dispute) करते आ रहे चीन ने अरुणाचल प्रदेश से एक 17 साल के लड़के को अगवा कर लिया है। इस मामलें को लेकर भारतीय सेना ने चीन की PLA से संपर्क किया है। इस बात की जानकारी रक्षा सूत्रों से पता चली है। इस मामले को लेकर विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है। राहुल गांधी ने कहा कि गणतंत्र दिवस से कुछ दिन पहले भारत के एक भाग्य विधाता का चीन ने अपहरण कर लिया है।   

स्थापित प्रोटोकॉल के तहत हो वापसी- इंडियन आर्मी
सूत्रों ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही भारतीय सेना ने तत्काल कदम उठाया और चीनी सेना (Chinese Army) से संपर्क किया।सेना ने उनके इलाके में अगवा किए गए किशोर का पता लगाने और उसे स्थापित किए गए एएसटीडी  प्रोटोकॉल के तहत लौटाने को कहा है।अगवा किए गए किशोर की पहचान मिराम तरोन (Miram Taron) के रूप में हुई है.

चीन के कब्जे में है भारत का भाग्य विधाता : राहुल
इस मामले को लेकर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस से कुछ दिन पहले भारत के एक भाग्य विधाता का चीन ने अपहरण किया है- हम मीराम तारौन के परिवार के साथ हैं और उम्मीद नहीं छोड़ेंगे, हार नहीं मानेंगे।

 

तपीर गाओ ने उठाया था मुद्दा
किडनैपिंग का मुद्दा सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश के लोकसभा सांसद तपीर गाओ ने उठाया था। तपीर गाओ केंद्र से इस मामले में मदद करने की गुहार भी लगाई थी। 

त्सांगपो नदी के भारत में प्रवेश स्थल के पास हुई घटना
बता दें कि मिराम तारन और उसका दोस्त स्थानीय शिकारी हैं। घटना उस स्थान के पास हुई जहां त्सांगपो नदी भारतीय क्षेत्र (अरुणाचल प्रदेश) में प्रवेश करती है। त्सांगपो को अरुणाचल प्रदेश में सियांग और असम में ब्रह्मपुत्र नदी कहा जाता है। यह घटना ऐसे समय हुई है जब अप्रैल 2020 से पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच गतिरोध जारी है। भारत लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक चीन के साथ 3400 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा साझा करता है। चीन अरुणाचल प्रदेश के कई हिस्सों पर अपना दावा करता है।

लंबे समय से चीन विवाद छेड़ता आ रहा है
भारत लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक चीन के साथ 3,400 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) शेयर करता है। यह सीमा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुज़रती है। यह तीन सेक्टर में बंटी हुई है-पश्चिमी सेक्टर जम्मू-कश्मीर, मिडिल सेक्टर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड और पूर्वी सेक्टर यानी सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश।

डोकलाम में गांव बसाने का मामला
पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील पर पुल निर्माण का मामला सामने आने के बाद अब चीन एक और हरकत कर रहा है। वो भूटान के रास्ते भारत को घेरने में लगा है। कुछ नई सैटेलाइट इमेज सामने आई हैं। इससे पता चलता है कि चीन डोकलाम एरिया से 30 किलोमीटर दूर भूटान में दो बड़े गांव बसा रहा है। ये सभी गांव आपस में जुड़े रहेंगे। बता दें कि डोकलाम में भारत और चीन के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। 2017 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प भी हो चुकी है। तब चीन वहां रोड बना रहा था, इस पर भारतीय सैनिकों ने उसे रोक दिया था। चीन यहां 166 इमारतें और सड़कें बना रहा है। सैटेलाइट इमेज में यह सब देखा जा सकता है।

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