भारतीय सेना ने किश्तवाड़ में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में जवानों की मदद करने वाले ग्रामीणों का आभार व्यक्त किया है। इसके साथ ही ध्रुव हेलीकॉप्टर की उड़ान को जांच होने तक के लिए रोक दिया गया है।
उधमपुर। भारतीय सेना (Indian Army) ने हेलीकॉप्टर हादसे में घायल हुए जवानों की मदद के लिए ग्रामीणों का आभार व्यक्त किया है। सेना ने ग्रामीणों के प्रयासों की सराहना की है। दरअसल, गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के मचना में सेना के एक हेलीकॉप्टर ने "हार्ड लैंडिंग" की थी। इस घटना में हेलीकॉप्टर में सवार दो पायलट और एक एविएशन टेक्नीशियन घायल हो गए थे।
सेना के उत्तरी कमान ने ट्वीट किया, "भारतीय सेना किश्तवाड़ के माचना के ग्रामीणों का दिल से आभार व्यक्त करती है। इन्होंने मारुआ नदी के तट पर एहतियाती लैंडिंग करने वाले एयरक्रूज की सहायता की। भारतीय सेना का यहां के लोगों के साथ मजबूत रिश्ता है। हादसे में घायल हुए एविएशन टेक्नीशियन की मौत हो गई है।"
ध्रुव हेलीकॉप्टर की उड़ान पर लगी रोक
हादसे के बाद भारतीय सेना ने अपने सभी एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर की उड़ान को रोक दिया है। गुरुवार को जो हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हुआ उसमें उड़ान के दौरान तकनीकि खराबी आई थी। अब सभी हेलीकॉप्टरों की जांच की जाएगी। यह पिछले दो महीने में दूसरी बार है जब सेना ने अपने हेलीकॉप्टर बेड़े को जांच के लिए ग्राउंडेड किया है।
पहली दुर्घटना मुंबई में मार्च में हुई थी। उस वक्त नौसेना का एक हेलिकॉप्टर वीवीआईपी ड्यूटी करने के बाद खाई में गिर गया था। अप्रैल में कोच्चि में एक और दुर्घटना हुई। टेस्ट फ्लाइट के दौरान कोस्टल गार्ड के हेलीकॉप्टर ने क्रैश लैंडिंग की थी।
हेलीकॉप्टरों के ग्राउंडेड रहने से सेना के अभियान पर पड़ रहा असर
गौरतलब है कि ध्रुव हेलीकॉप्टर भारतीय सेना के लिए काफी अहम रोल निभाता है। इसका इस्तेमाल अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में भी किया जाता है। इसकी मदद से जवानों को ऐसे इलाकों में तेजी से पहुंचाया जाता है जहां सैन्य अभियान चलाया जा रहा हो।
जम्मू-कश्मीर के राजौरी और बारामूला में इन दिनों आतंकी गुटों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। इसमें हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल हो रहा है। ध्रुव हेलीकॉप्टर के उड़ान नहीं भरने से सेना के ऑपरेशन पर प्रभाव पड़ रहा है। सेना को चीता और चेतक हेलीकॉप्टर के बेड़े पर निर्भर रहना पड़ रहा है।