China-Pakistan बॉर्डर पर फ्रंट लाइन वॉरियर बनेंगे मेड इन इंडिया माइंस, कदम रखते ही दुश्मन का होगा सफाया

भारतीय सेना (Indian army) के कोर ऑफ इंजीनियर्स को दुश्मन की सेना और बख्तरबंदों या अपने क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे आतंकवादियों (Terrorists) के खिलाफ रक्षा की पहली पंक्ति के रूप में कार्य करने के लिए एंटी पर्सनल (Anti Personal) और एंटी टैंक माइंस (Anti Tank Mines) का एक नया सेट मिल रहा है। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 21, 2021 10:12 AM IST / Updated: Dec 21 2021, 03:46 PM IST

पुणे। चीन (China)और पाकिस्तान (Pakistan)बॉर्डर पर भारतीय सेना (Indian Army)और मजबूत हो जा रही है। सेना को नई स्वदेशी (Made in India) रूप से डिजाइन और विकसित एंटी पर्सनल और एंटी टैंक माइंस मिल रही हैं। ये चीन और पाकिस्तान बॉर्डर पर फ्रंट लाइन वॉरियर के रूप में काम करेंगी और भारतीय धरती पर दुश्मन के कदम पड़ते ही उसे खत्म कर देंगी। भारतीय सेना के अधिकारियों ने बताया कि भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स को यह नए मेड इन इंडिया उपकरण मिल रहे हैं। यह दुश्मन की सेना और बख्तरबंदों या अपने क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे आतंकवादियों के खिलाफ काम करेंगे। सेना को एंटी-पर्सनल और एंटी टैंक माइंस का अभी एक नया सेट मिल रहा है। एंटी टैंक और एंटी पर्सनल माइंस को सेना में शामिल होने वाले स्वदेशी उपकरणों की प्रदर्शनी में शामिल किया गया है। यहां कोर ऑफ इंजीनियर्स दुश्मन के खिलाफ अभियान चलाने और अपने क्षेत्रों की रक्षा करने के लिए सेना में शामिल किए गए स्वदेशी उपकरणों का प्रदर्शन कर रहे हैं। 

7 लाख स्वदेशी निपुण मजबूत करेंगे बॉर्डर
सेना के एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय सेना 7 लाख स्वदेशी 'निपुण' एंटी-पर्सल माइंस को शामिल करने जा रही है, जिसमें पावरफुल आरडीएक्स (RDX)का इस्तेमाल किया गया है। इस माइन को एक भारतीय फर्म ने डीआरडीओ (DRDO)के साथ विकसित किया है।
दुश्मनों के टैंकों से लड़ने के लिए इंजीनियरों की कोर भारत में बने टैंक रोधी माइंस 'विभव' और 'विशाल' की नेक्सट जेनरेशन का ट्रायल कर रही है। इन अत्यधिक प्रभावी माइंस को डीआरडीओ द्वारा भारतीय सेना के लिए विकसित किया गया है। यह ट्रायल के दौर में हैं। सेना के अधिकारियों ने बताया कि नई एंटी टैंक माइंस में उनके उन्नत डिजाइन और सेंसर के कारण दुश्मन के टैंकों के खिलाफ अधिक क्षमता है। सूत्रों ने कहा कि प्रचंड, उल्का और पार्थ भी कुछ नई माइंस हैं, जो निकट भविष्य में सेवाओं में शामिल होने के लिए आ रही हैं। 

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हाई हेड वाटर पंप ऊंचे इलाकों में पहुंचाएंगे पानी
भारतीय सेना ने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों को पानी उपलब्ध कराने के लिए हाई हेड वाटर पंपों को शामिल करना भी शुरू कर दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय सेना ने 200 हाई हेड वॉटर पंप शामिल करना शुरू कर दिया है, जो उन क्षेत्रों में अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर पानी और ईंधन पहुंचाने में मदद कर सकते हैं। इनमें से 200 पंपों को इमरजेंसी प्रोक्योरमेंट पावर के तहत इंजीनियर्स कोर में शामिल किया जा रहा है।

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