CAA, कृषि कानून या वोटर ID आधार लिंक, कभी कांग्रेस ने खुद ये मांगें रखी थीं, कानून बनते ही विरोध पर उतर आई

सोमवार को कांग्रेस (Congress) ने वोटर आईडी को आधार से लिंक (Voter id Aadhar Linking) करने वाले कानून का विरोध करते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के फैसले के खिलाफ और संविधान के मौलिक अधिकारों एवं निजता के अधिकार का उल्लंघन करने वाला बताया, लेकिन महज 3 साल पहले अप्रैल 2018 में उसने खुद मुख्य निर्वाचन आयुक्त से यही मांग की थी। कृषि कानूनों में भी उसने यही सुधार करने का वादा किया था, जिसका उसने विरोध किया।

नई दिल्ली। तीन कृषि कानून (Three Farm laws) हों या फिर चुनाव सुधार संशोधन (election reforms amendment Bill), कांग्रेस और विपक्ष इन पर विरोध कर रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कभी कांग्रेस यही मांगें उठाती रही है। यही वादे करती रही है। सोमवार को कांग्रेस ने वोटर आईडी को आधार से लिंक करने वाले कानून का विरोध करते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ और संविधान के मौलिक अधिकारों एवं निजता के अधिकार का उल्लंघन करने वाला बताया, लेकिन महज 3 साल पहले अप्रैल 2018 में उसने खुद मुख्य निर्वाचन आयुक्त से यही मांग की थी। यही नहीं, कांग्रेस ने छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश में किसानों की कर्जमाफी का हवाला देते हुए 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले वादा किया था कि वे 1955 से चले आ रहे कृषि कानूनों में सुधार कर कृषि उपज मंडी समिति अधिनियम को निरस्त करेंगे। लेकिन मोदी सरकार ने यही कानून बनाए तो कांग्रेस विरोध में खड़ी हो गई। 

जानें कब कांग्रेस ने इन्हीं सुधारों की मांग की, जिनका अब विरोध कर रही
कृषि कानून : ट्विटर पर पोस्ट कई बिंदुओं वाले इस पत्र में जिक्र है कि 2018 में हुए 5 राज्यों के चुनावों के दौरान कांग्रेस ने कहा था कि वह कृषि उपज मंडी समिति अधिनियम को निरस्त करेगी और निर्यात सहित कृषि उत्पादों के व्यापार को सभी प्रतिबंधों से मुक्त करेगी। 1955 से चले आ रहे कानूनों को खत्म कर सक्षम कानून लाएगी। मोदी सरकार ने 2020 में तीन कृषि कानूनों में यही संशोधन किए तो कांग्रेस विरोध पर उतर आई। 

Latest Videos

चुनाव सुधार संशोधन बिल : ताजा मामला 'इलेक्शन रिफॉर्म अमेंडमेंट बिल' (चुनाव सुधार संशोधन बिल) का है, जो वोटर आईडी को आधार से जोड़ता है। 2018 में कांग्रेस (Congress)और 2019 में NCP ने ठीक यही मांग की थी! कांग्रेस ने 10 अप्रैल 2018 को मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले तत्कालीन मुख्य निवार्चन आयुक्त (CEC) ओपी रावत से मांग की थी कि नवंबर में होने वाले चुनाव से पहले आधार को वोटर आईडी से लिंक करवाएं। उसने कहा था कि करीब 7 लाख अपात्रों को वोटर लिस्ट से जोड़ा गया है। ऐसे में वोटर आईडी को आधार से जोड़ें, जिससे फर्जी वोटिंग रोकी जा सके।
अब कांग्रेस और एनसीपी के साथ की TMC और अन्य विपक्षी पार्टियों ने भी इसका विरोध किया। उनका कहना है कि यह निजता के अधिकार पर हमला है।  

नागरिकता संशोधन कानून : 2003 में राज्यसभा में बोलते हुए तत्कालीन विपक्ष के नेता डॉ. मनमोहन सिंह ने बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों में उत्पीड़न का सामना कर रहे अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की मांग की थी। उन्होंने इसके लिए उदार दृष्टिकोण रखने को कहा था। मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून लाकर इस मांग को पूरा किया। इस नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर आए हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बुद्ध धर्मावलंबियों को भारत की नागरिकता देने का कानून बनाया गया। लेकिन मनमोहन सिंह समेत पूरी कांग्रेस ने इस कानून का विरोध किया। 

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट : कांग्रेस नए संसद भव के प्रोजेक्ट पर हमला करती रही है। लेकिन कभी यह उसके प्लान में था। प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद इससे लोगों को रोजगार मिला है। मोदी सरकार के मुताबिक यह परियोजना करीब 10 हजार लोगों को रोजगार मुहैया करा रही है।  

जीएसटी : यूपीए ने सत्ता में रहते हुए जीएसटी लागू करने की कोशिश की। लेकिन एक दशक तक सरकार चलाने के बाद भी वे इसे लागू नहीं कर पाए। लेकिन जैसे ही मोदी सरकार ने जीएसटी कानून लागू किया, कांग्रेस ने यू -टर्न ले लिया और जबरदस्त विरोध किया। 

राफेल डील : यूपीए सरकार के वक्त डसॉल्ट एविएशन ने इंडियन एयरफोर्स (IAF) को लड़ाकू विमानों की आपूर्ति करने की बोली जीती। लेकिन कांग्रेस ने 10 साल तक इसे होल्ड पर रखा। लेकिन मोदी सरकार ने जैसे राफेल की डील पूरी की कांग्रेस विरोध में आ गई। आज राफेल देश की सुरक्षा में तैनात हैं।

पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप : यूपीए के दौर में कांग्रेस ने खुद पीपीपी मोड पर काम की योजना बनाई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस पर जोर दिया था! लेकिन अब कांग्रेस रेलवे में पीपीपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है। 

एफडीआई लिमिट : 2012 में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने FDI की सीमा बढ़ाई थी। उन्होंने इंश्योरेंस में 49% और पेंशन सेक्टर में 26% एफडीआई को मंजूरी दी थी। लेकिन मोदी सरकार द्वारा ऐसा करने पर कांग्रेस दावा करती है कि यह लोगों के लिए परेशानी पैदा करेगी। वह इसे भारत की संपत्तियों की बिक्री की योजना बता रहे हैं।


सोशल मीडिया पर लोग बोले- सुधार नहीं, यह एंटी मोदी पॉलिटिक्स  
सोशल मीडिया पर Know The nation नाम के एक हैंडल ने कांग्रेस द्वारा पहले उठाए गए इन मुद्दों से जुड़े उसके कुछ पुराने वादों को पोस्ट किया है। इसमें छत्तीसगढ़्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश चुनावों के दौरान किसानों का कर्ज माफी का मुद्दा भी है। अपने ही मुद्दों पर कांग्रेस के लगातार विरोध पर लोगों का कहना है कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों का विरोध कर कांग्रेस ने दोहरा चरित्र दिखा दिया है, क्योंकि कांग्रेस ही यही मांग कर रही थी। वे सुधारों को न, एंटी मोदी राजनीति को हां कहते हैं। एक यूजर ने कहा- कांग्रेस और एनसीपी दोनों एक जैसे हैं। मेरे हिसाब से दोनों ने कभी सच नहीं कहा। एक अन्य यूजर ने लिखा - यही वजह है कि सच्चे देशभक्तों ने कांग्रेस का विरोध किया और उन्हें अस्वीकार कर दिया। 

धांधली की गुंजाइश खत्म होगी 
पूर्व चुनाव आयुक्त ओपी रावत का कहना है कि वोटर आईडी और आधार लिंक करने से फर्जी वोटिंग तो रुकेगी ही, मतदान भी बढ़ेगा। इसका विरोध क्यों हो रहा है, यह समझ से परे है। उन्होंने कहा कि इससे धांधली की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी। 

यह भी पढ़ें
वोटर ID को आधार कार्ड से जोड़ने वाला चुनाव कानून संशोधन विधेयक लोकसभा में पास, जानें क्या होगा फायदा
PM की मीटिंग का विपक्ष ने किया बहिष्कार, 4 पार्टियों को बुलाए जाने पर विपक्ष ने लगाया फूट डालो राज करो का आरोप

Share this article
click me!

Latest Videos

महज चंद घंटे में Gautam Adani की संपत्ति से 1 लाख Cr रुपए हुए स्वाहा, लगा एक और झटका
Maharashtra Jharkhand Exit Poll से क्यों बढ़ेगी नीतीश और मोदी के हनुमान की बेचैनी, नहीं डोलेगा मन!
SC on Delhi Pollution: बेहाल दिल्ली, कोर्ट ने लगाई पुलिस और सरकार को फटकार, दिए निर्देश
शर्मनाक! सामने बैठी रही महिला फरियादी, मसाज करवाते रहे इंस्पेक्टर साहब #Shorts
Maharashtra Election: CM पद के लिए कई दावेदार, कौन बनेगा महामुकाबले के बाद 'मुख्य' किरदार