वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) पर बढ़ते तनाव के बीच इंडियन आर्मी ने यहां सुरक्षा की जिम्मेदारी के लिए एक नई विमानन ब्रिगेड(aviation brigade) की स्थापना की है।
नई दिल्ली. चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) पर बढ़ते तनाव के बीच इंडियन आर्मी ने यहां सुरक्षा की जिम्मेदारी के लिए एक नई विमानन ब्रिगेड(aviation brigade) की स्थापना की है। यह दुश्मनों की निगरानी करेगी। नई ब्रिगेड की स्थापना मार्च में असम के मिसामारी में गई थी, जो तेजपुर के करीब है। इसके पास उन्नत हल्के हेलिकॉप्टर(ALH), चीता हेलिकॉप्टर और हेरॉन ड्रोन जैसी क्षमताएं हैं।
इसलिए की गई थी नई विमानन ब्रिगेड की स्थापना
इसका मकसद अरुणाचल प्रदेश में LAC पर तैनात सैनिकों को रसद(logistic support) पहुंचाना है। बता दें कि पूर्वी सैन्य कमान(eastern army command) के तहत तेजपुर और बुम ला के बीच 150 किमी की दूरी है। बुम ला दर्रा तिब्बत के कोना काउंटी और अरुणाचल प्रदेश में भारत के तवांग जिले के बीच बॉर्डर पर है। यह भारत के शहर तवांग से 37 किमी और तिब्बत में कोना काउंटी में चीन के त्सोना ज़ोंग शहर से 43 किमी दूर है।
1346 किमी की सीमा लगती है
कोर ऑफ आर्मी एविशन(Corps of Army Aviation) के लेफ्टनेंट कर्नल अमित डधवाल(Amit Dadhwal) ने यह जानकारी शेयर करते हुए बताया कि कोर ऑफ आर्मी एविएशन का विकास सिंपल फिक्स विंग एयरक्रॉफ्ट(simple-fixed wing aircraft) से बेसिक एवियोनिक्स से लेकर आधुनिक उपकरणों तक हुआ है। बता दें कि सिक्किम से अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में भारत चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा की कुल लंबाई 1,346 किमी है।
लगातार बढ़ रहीं चीन की हरकतें
हाल ही में भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे( Army Chief Gen MM Naravane) और भारतीय वायु सेना प्रमुख एसीएम वीआर चौधरी( Air Force Chief ACM VR Chaudhari) ने लद्दाख क्षेत्र में LAC के साथ चीनी सैनिकों और लड़ाकू विमानों की मौजूदगी पर चिंता व्यक्त की थी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी सेना किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए तैयार है। पिछले दिनों भारतीय सेना ने बयान में कहा कि शांति बनाए रखने के लिए चीन से LAC से पीछे हटने को कहा गया है। भारत ने कहा कि चीन की तरफ से एक-तरफा कार्रवाई(घुसपैठ) हुई है, यह दोनों देशों के बीच हुए करार का उल्लंघन है।
18 महीने से चल रहा विवाद
पूर्वी लद्दाख के कई स्थानों पर चीन के साथ सीमा गतिरोध(border standoff) 18 महीने से चला आ रहा है। हालांकि कुछ जगहों पर डिसइंगेजमेंट (disengagement) यानी सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया हुई थी, लेकिन कई जगह अभी भी विवाद बना हुआ है। बता द दें कि दोनों देशों के बीच अब तक शीर्ष कमांडर स्तर की 13 दौर की बैठक हो चुकी है। अंतिम दौर की बैठक 10 अक्टूबर को हुई थी। लेकिन चीन के अड़ियल रवैये के कारण इसका कोई रिजल्ट नहीं निकला था।