INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत से करीब तीन दर्जन फाइटर विमानों ने उड़ान भरी। हवा से लेकर समुद्र के भीतर तक भारत का शक्ति प्रदर्शन जारी रहा।
Indian Navy Exercise: हिंद महासागर में चीन का दखल लगातार बढ़ता जा रहा है। महासागर में चीनी दखल को चुनौती देते हुए इंडियन नेवी ने भी अपनी ताकत का मुजाहिरा करना शुरू कर दिया है। शनिवार को भारतीय नौसेना ने अरब सागर में सबसे बड़ी एक्सरसाइज करके परोक्ष रूप से चीन के सामने चुनौती पेश की। ऐसा पहली बार हुआ कि नौसेना ने अपने दोनों एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रमादित्य व विक्रांत को एकसाथ समुद्र में उतारा। INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत से करीब तीन दर्जन फाइटर विमानों ने उड़ान भरी। हवा से लेकर समुद्र के भीतर तक भारत का शक्ति प्रदर्शन जारी रहा।
क्षेत्रीय संतुलन और स्थिरता के लिए नौसेना हमेशा मुश्तैद
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कामोडोर विवेक मधवाल ने कहा कि नौसेना की एक्सरसाइज रूटीन थी। इंडियन नेवी राष्ट्रीय हितों की रक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए लगातार एक्सरसाइज करती रहती है। समुद्री सीमा की सुरक्षा का दायित्व निभाने के लिए हर पल चौकन्ना रहना पड़ता है। इसलिए समय-समय पर यह करना होता है।
फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर्स से आसमान में दहाड़, सबमरीन ने पानी के भीतर मोर्चा संभाला
भारतीय नौसेना का इस बार का महासागर में किया गया एक्सरसाइज पिछले कुछ सालों का सबसे विशालकाय प्रदर्शन रहा। इस एक्सरसाइज में मिग के साथ साथ भारतीय सेना के जांबाज हेलीकॉप्टर्स MH60R, कामोव, सी-किंग, चेतक और ALH ने भी आसमान में दुश्मनों को चुनौती दी। महासागर में एकसाथ उतरे INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत से फाइटर जेट्स ने रात में भी टेकऑफ कर अपनी ताकत का एहसास कराया। इन एयरक्राफ्ट से MiG-29K सहित 35 फाइटर जेट्स ने उड़ान भरे। नेवी के सबमरीन ने भी पानी के भीतर अपनी ताकत को परखा।
हिंद महासागर के आसमान में सुखोई और राफेल भर चुके हैं उड़ान
हिंद महासागर क्षेत्र में अपने पैर पसारते हुए भारतीय वायु सेना के दो सुखोई-30MKI लड़ाकू विमानों ने शुक्रवार को करीब 8 घंटे तक अपनी रणनीतिक मिशन के तहत उड़ान भरी। इस एक्सरसाइज के दौरान अलग-अलग धुरी पर दो सुखोई विमानों ने दोनों सीबोर्ड को कवर किया। यह एक्सरसाइज करीब आठ घंटे तक चला। इसमें कई तरह के युद्धाभ्यास और सिम्युलेटेड ऑपरेशन शामिल थे। एक सप्ताह पहले भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमान का इस्तेमाल कर इसी तरह का अभ्यास किया गया था।
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