Nuclear submarine INS Arighat: भारतीय नौसेना ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। नौसेना ने 3500 किलोमीटर तक की मारक क्षमता वाले बैलिस्टिक मिसाइल्स का सफलतापूर्वक टेस्टिंग कर लिया है। बुधवार को यह टेस्ट, हाल ही में नौसेना में शामिल की गई नई परमाणु सबमरीन आईएनएस अरिघाट पर किया गया। बैलिस्टिक मिसाइल के-4 भारत की दूसरी बड़ी मारक क्षमता वाला मिसाइल है।
के-4 बैलिस्टिक मिसाइल, पानी के भीतर भी सबमरीन हमला करने में सक्षम है। यह करीब 3500 किलोमीटर तक हमला करने में सक्षम है। यह मिसाइल 17 टन का है और 39 फीट लंबा है। मिसाइल का व्यास 4.3 मीटर है। यह मिसाइल 2500 किलोग्राम तक न्यूक्लियर वेपन लेकर उड़ान भर सकता है। इसकी ऑपरेशनल रेंज 4 हजार किलोमीटर है।
करीब डेढ़ दशक पहले 15 जनवरी 2010 में विशाखापट्टनम तट के पास 160 फीट नीचे पानी के अंदर इसका सफलतापूर्वक डेवलपमेंट लांच किया गया था। इसके बाद 24 मार्च 2014 को इसका पहला टेस्ट लांच किया गया था। इसके दो साल बाद फिर से 2016 में दूसरा टेस्ट लांच किया गया जोकि सफल रहा। इसी साल आईएनएस अरिहंत से 700 किलोमीटर रेंज के लिए सफल ट्रॉयल लांच किया गया था। 17 दिसंबर 2017 को पानी के अंदर पॉन्टून से लांचिंग हुई थी लेकिन वह सफल नहीं हुई। इस असफलता के बाद 19 जनवरी 2020 में 3500 किलोमीटर रेंज के लिए 5वीं बार सफल टेस्ट लांच हुआ था। 2020 में छठवीं बार टेस्ट लांच सफल हुआ था।
आईएनएस अरिहंत और अरिघाट भारतीय नौसेना के शस्त्रागार में दो परमाणु पनडुब्बियां हैं जो बैलिस्टिक मिसाइल दागने की क्षमता रखती हैं। अरिघाट को अगस्त में विशाखापत्तनम स्थित शिप बिल्डिंग सेंटर में शामिल किया गया था। इस तरह की तीसरी पनडुब्बी लॉन्च की गई है और अगले साल इसके शामिल होने की उम्मीद है।
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