इसरो ने 42वां कम्युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्च किया, आपदा प्रबंधन और नेट कनेक्टिविटी में मिलेगी मदद

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार दोपहर को देश के 42 वें संचार उपग्रह को कम्युनिकेशन सैटेलाइट (CMS-01) की लॉन्चिंग की। कोरोनावायरस (कोविद -19) के प्रकोप के बीच अंतरिक्ष संगठन द्वारा प्रक्षेपित यह दूसरा उपग्रह है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 17, 2020 11:20 AM IST / Updated: Dec 17 2020, 05:01 PM IST

नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार दोपहर को देश के 42 वें संचार उपग्रह को कम्युनिकेशन सैटेलाइट (CMS-01) की लॉन्चिंग की। कोरोनावायरस (कोविद -19) के प्रकोप के बीच अंतरिक्ष संगठन द्वारा प्रक्षेपित यह दूसरा उपग्रह है। ये उपग्रह आपदा प्रबंधन और इंटरनेट कनेक्टिविटी में मदद करेगा।

7 साल तक काम करेगा सैटेलाइट
यह भारत के जमीनी इलाकों के अलावा अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप को भी कवर करेगा। यह इसरो का इस साल का आखिरी मिशन है। सैटेलाइट 7 साल तक काम करेगा।

PSLV-C50 के जरिए भेजा गया CMS-01

PSLV-C50 के जरिए CMS-01 को 3.41 बजे श्रीहरिकोटा से छोड़ा गया। यह श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से पीएसएलवी की 52 वीं उड़ान थी। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र को छोड़ने के 20 मिनट बाद PSLV-C50 ने उपग्रह को भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (GTO) में सफलतापूर्वक इंजेक्ट किया। CMS-01 ऑर्बिट में GSAT-12 की जगह लेगा। 1,410 किलो वजनी GSAT-12 को 11 जुलाई, 2011 को लॉन्च किया गया था। इसका जीवनकाल आठ साल था।

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