नई दिल्ली: चार महीनों में भारतीयों से डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 120.3 करोड़ रुपये की ठगी हुई है। बड़े पैमाने पर साइबर धोखाधड़ी के बाद, रविवार को 'मन की बात' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड के बारे में चेतावनी दी थी। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में डिजिटल अरेस्ट तेजी से बढ़ रहे हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर से मिली जानकारी के आधार पर, म्यांमार, लाओस और कंबोडिया से डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड संचालित किया जा रहा है। जनवरी से अप्रैल तक के आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान साइबर धोखाधड़ी से लोगों को कुल 1776 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
1 जनवरी से 30 अप्रैल तक 7.4 लाख शिकायतें मिली हैं। 2023 में कुल 15.56 लाख मामले दर्ज हुए थे। 2022 में 9.66 लाख शिकायतें मिली थीं। 2021 में मिली शिकायतों की संख्या 4.52 लाख थी। देश में मुख्य रूप से चार तरह की साइबर धोखाधड़ी हो रही है: डिजिटल अरेस्ट, ट्रेडिंग फ्रॉड, निवेश फ्रॉड और डेटिंग फ्रॉड।
इनमें से सिर्फ डिजिटल अरेस्ट में ही देश के नागरिकों से 120.3 करोड़ रुपये की ठगी हुई है। ट्रेडिंग फ्रॉड में 1420.48 करोड़ रुपये, निवेश फ्रॉड में 222.58 करोड़ रुपये और डेटिंग फ्रॉड में 13.23 करोड़ रुपये लोगों को नुकसान हुआ है। साइबर क्राइम विशेषज्ञों का कहना है कि शिकार का चुनाव बहुत ही सावधानी से किया जाता है, इसलिए इस तरह की धोखाधड़ी व्यापक रूप से हो रही है।