इंडिगो एयरलाइन्स के स्टॉफ के असहयोगी रवैया से परेशान एक इंजीनियर ने उठाया ऐसा कदम कि मच गया हड़कंप। काफी देर तक कंपनी के टेक्निकल एक्सपर्ट़्स परेशान हो गए लेकिन जब असलियत पता चला तो गलती का अहसास भी हुआ।
नई दिल्ली। एयरलाइन्स कंपनियों की मनमानी से कभी कभी आम ट्रेवेलर्स को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। लेकिन कई बार सबक भी सीख जाती हैं। बेंगलुरू के एक साफ्टवेयर इंजीनियर (Bengaluru Software engineer) ने इंडिगो एयरलाइन्स (Indigo airline) की लापरवाही और गैर प्रोफेशनल बिहेवियर को करारा जवाब दिया है। लगेज को खोजने में ध्यान नहीं दे रही एयरलाइन कंपनी की वेबसाइट को इंजीनियर ने हैक कर लिया। फिर, अपना लगेज खोजा। इंजीनियर द्वारा की गई इस हैकिंग से काफी देर तक कंपनी के टेक्निकल एक्सपर्ट्स परेशान रहें।
दरअसल, मामला यह है कि बेंगलुरू में कार्यरत एक साफ्टवेयर इंजीनियर इंडिगो एयरलाइन्स के इंडिगो 6ई-185 (Indigo 6-E 185) से पटना से बेंगलुरू ट्रेवेल की थी। ट्रेवेल के दौरान एयरलाइन्स द्वारा उनका लगेज कहीं मिसप्लेस हो गया। इसके बाद इंजीनियर ने एयरलाइन को कई बार अपना लगेज खोजने का अनुरोध किया लेकिन कोई स्टॉफ इसमें मदद नहीं किया। इससे परेशान इंजीनियर ने अपनी स्किल का उपयोग कर स्वयं ही लगेज खोजने की ठान ली। फिर उन्होंने एयरलाइन की वेबसाइट को हैक कर अपना काम किया।
इस तरह साझा की कहानी...कंपनी को माफी मांगने को किया मजबूर
बेंगलुरू के साफ्टवेयर इंजीनियर नंदन कुमार, इंडिगो की फ्लाइट में पटना से बैंगलोर की यात्रा कर रहे थे। उनका सामान गलती से एक सह-यात्री ने उठा लिया था।
माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट पर कुमार ने लिखा, "तो, मैंने कल इंडिगो (एसआईसी) 6ई-185 से पीएटी - बीएलआर से यात्रा की। और मेरा बैग दूसरे यात्री के साथ बदल गया। हमारे दोनों छोर से ईमानदार गलती। बैग के रूप में कुछ मामूली अंतरों के साथ बिल्कुल वैसा ही।" उन्होंने कस्टमर सर्विस नंबर पर कॉल किया और अपने खोए हुए सामान का पता लगाने के लिए सभी आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन किया।
उन्होंने लिखा, लंबी कहानी संक्षेप में यह कि मुझे इस मुद्दे पर कोई समाधान नहीं मिला। कस्टमर केयर टीम मुझे गोपनीयता और डेटा सुरक्षा का हवाला देते हुए व्यक्ति के संपर्क विवरण प्रदान करने के लिए नहीं तैयार थी। उन्होंने कहा कि उन्हें अगले दिन भी ग्राहक सेवा एजेंट का कोई फोन नहीं आया। सह-यात्री का पता लगाने के कई असफल प्रयासों के बाद, नंदर कुमार ने मामले को अपने हाथों में लेने का फैसला किया।
नंदन कुमार ने बताया कि उन लोगों के लिए, जब कोई F12 दबाता है, तो डेवलपर टूल का एक सेट खुल जाता है, जो इंजीनियरों को वेबसाइट सर्वर से भेजे और प्राप्त किए गए अनुरोधों और प्रतिक्रियाओं को देखने में मदद करता है। इस समय तक, कुमार ने सह-यात्री का सफलतापूर्वक पता लगा लिया और अपने बैग का आदान-प्रदान किया।इसके अलावा, आदमी ने सोशल नेटवर्किंग साइट पर सुरक्षा खामियों की एक सूची भी साझा की। इंडिगो एयरलाइंस ने कुमार को हुई असुविधा के लिए माफी मांगते हुए जवाब दिया और आश्वासन दिया कि वेबसाइट में कोई सुरक्षा चूक नहीं थी।
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