IndiGo Crisis: जब इंडिगो डगमगाई, 5,000 का टिकट रातों-रात 1.3 लाख तक पहुंच गया?

Published : Dec 05, 2025, 11:16 AM IST
indigo crisis flight cancellation airfare hike indian aviation exposed

सार

इंडिगो के 550 फ्लाइट कैंसिल होने पर बाकी एयरलाइंस ने मदद के बजाय किराए आसमान तक बढ़ा दिए। फंसे यात्री भूखे-प्यासे रहे और सिस्टम पूरी तरह ढह गया। क्या ये सिर्फ एक क्राइसिस है या भारत के एविएशन का असली चेहरा?

नई दिल्ली। भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इन दिनों अपने अब तक के सबसे बड़े संकट से जूझ रही है। देश के बड़े एयरपोर्ट्स पर लगातार फ्लाइट कैंसलेशन के कारण हजारों यात्री परेशान हैं। दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों के एयरपोर्ट्स पर यात्रियों का हाल बेहाल है। कई वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट में लोग घंटों फंसे हुए, भूखे, थके और मदद के लिए बेताब दिख रहे हैं। यात्रियों का कहना है कि एयरलाइन स्टाफ से कोई मदद नहीं मिल रही। पैसेंजरों को सिर्फ़ टिकट बदलने और नई फ्लाइट लेने के लिए पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं, लेकिन बदले में उन्हें अफरा-तफरी, कन्फ्यूजन और पूरी तरह से अनदेखी मिल रही है।

क्या दूसरी एयरलाइंस ने इंडिगो संकट का फायदा उठाया?

इस संकट के बीच दूसरी एयरलाइंस ने अपने हवाई किराए आसमान छूने दिए। हैदराबाद एयरपोर्ट पर यात्रियों ने बताया कि दूसरी एयरलाइंस ने टिकट की कीमतें सामान्य से कई गुना बढ़ा दीं। एक पैसेंजर ने बताया कि उसके पास स्पाइसजेट का टिकट खरीदने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, जबकि आम तौर पर यही टिकट 5,000-8,000 रुपये का होता है। विशेष रूप से 3 दिसंबर को हैदराबाद से भोपाल जाने के लिए एयर इंडिया की बिज़नेस-क्लास सीट 1.3 लाख रुपये तक पहुंच गई, जबकि इकॉनमी सीट 1.03 लाख रुपये में दिखाई गई। डायरेक्ट फ्लाइट न होने के कारण यात्रियों को नौ घंटे और दो स्टॉप वाली फ्लाइट लेने पर मजबूर होना पड़ा।

दूसरी एयरलाइंस ने मदद क्यों नहीं की?

आम उम्मीद होती है कि जब एक एयरलाइन फेल होती है, तो बाकी कंपनियां अपनी क्षमता बढ़ाएंगी—अतिरिक्त फ्लाइट्स चलाएंगी, किराए नियंत्रित रखेंगी और यात्रियों को राहत देंगी। लेकिन भारत में हुआ इसका उल्टा। जो टिकट 5,000–8,000 रुपये का था, वह 35,000 से 1.3 लाख रुपये तक पहुंच गया।

उदाहरण:

  • हैदराबाद–भोपाल: 1.3 लाख (बिज़नेस क्लास, दो स्टॉप)
  • हैदराबाद–मुंबई: 70,329 रुपये
  • हैदराबाद–विशाखापत्तनम: 69,787 रुपये (दो स्टॉप)

इंडिगो संकट के पीछे असली वजह क्या है?

इंडिगो ने माना कि यह समस्या अचानक नहीं आई। फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के नए फेज़, क्रू की कमी और लंबे समय की खराब प्लानिंग की वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई। गुरुवार को अकेले 550 से ज़्यादा फ्लाइट्स कैंसल हुईं, जबकि कुछ दिन पहले ही एयरलाइन की ऑन-टाइम परफॉर्मेंस गिरकर सिर्फ 19.7% रह गई थी। DGCA ने कहा कि यह रुकावट मुख्य रूप से FDTL नियमों के दूसरे फेज़ को लागू करने में गलत अंदाज़े और प्लानिंग में कमी के कारण हुई। एयरलाइन ने बताया कि आने वाले हफ्तों में और भी कैंसलेशन हो सकते हैं, लेकिन 10 फरवरी 2026 तक ऑपरेशन स्टेबल हो जाएंगे।

यात्रियों की परेशानी और असहाय स्थिति

वायरल वीडियो में यात्रियों का हाल देखकर पता चलता है कि एयरपोर्ट पर कोई ठोस सपोर्ट नहीं है। कई पैसेंजर रातभर फ्लाइट की प्रतीक्षा में फंसे रहे, उनका सामान टर्मिनल पर पड़ा रहा और कई लोगों को खाने-पीने की सुविधा तक नहीं मिली। कई लोगों ने बताया कि अचानक बढ़े हुए हवाई किराए ने उन्हें आर्थिक रूप से और भी प्रभावित किया। कुछ यात्रियों ने 35,000 से लेकर 50,000 रुपये तक का टिकट लेने के लिए मजबूर होना पड़ा, जबकि आम तौर पर वही रूट सिर्फ 5-8 हजार रुपये में मिलता था।

क्या इंडस्ट्री ने संकट में मदद की या सिर्फ़ फायदा उठाया?

यात्रियों का अनुभव यह दर्शाता है कि इंडस्ट्री संकट में कोई मदद नहीं कर रही। दूसरी एयरलाइंस ने यात्रियों की मजबूरी को देखकर हवाई किराए बढ़ा दिए। पैसेंजरों को सीट मिलने की कोई गारंटी नहीं थी और टिकट की कीमतें इतनी बढ़ गईं कि लोग इसे "बिल्कुल अमानवीय" बता रहे हैं। इस बात ने यह साफ कर दिया कि जब एक एयरलाइन संकट में होती है, तो दूसरी केवल पैसा कमाने पर ध्यान देती है। इंडस्ट्री में यह प्रवृत्ति यात्रियों के लिए चिंता का विषय बन गई है।

भविष्य में क्या उम्मीद की जा सकती है?

इंडिगो ने DGCA से छूट मांगी है ताकि नए FDTL नियमों के तहत ऑपरेशन को स्टेबल किया जा सके। आने वाले हफ्तों में और भी फ्लाइट कैंसलेशन होने की संभावना है। यात्रियों को सलाह दी जा रही है कि वे यात्रा की योजना पहले से बनाएं, टिकट बुकिंग करते समय अतिरिक्त लागत और संभावित देरी का ध्यान रखें।

 

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

मां के प्रेमी ने दो मासूमों को नाले में फेंका-ज़ेप्टो डिलीवरी बॉय ने बचाई जान, कैसे खुला राज?
भारत में सबसे बड़ा फ़्लाइट ब्लैकआउट: क्यों फेल हुई इंडिगो? आखिर कब तक सुधरेंगे हालात?