
Flights Fare Cap: इंडिगो में मचे उथल-पुथल के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। पैसेंजर्स की परेशानी को देखते हुए सरकार ने घरेलू फ्लाइट्स के लिए टिकट कैप लगा दिया है, यानी हवाई किराए की सीमा तय कर दी है। सिविल एविएशन मंत्रालय ने शनिवार को यह फैसला लिया। मंत्रालय ने टिकट की कीमतें तय दूरी के हिसाब से करने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने कहा कि यह कैप तब तक लागू रहेगा जब तक किराए स्थिर नहीं हो जाते या अगली समीक्षा नहीं होती। सभी ऑनलाइन पोर्टल्स, एयरलाइन वेबसाइट और मोबाइल ऐप्स पर यह नियम समान रूप से लागू होगा। यह कैप केवल बेस किराए पर लागू है। UDF, PSF और टैक्स अलग हैं। बिजनेस क्लास और RCS-UDAN फ्लाइट्स इस नियम से बाहर हैं।
0-500 किलोमीटर- 7,500 रुपए
500-1000 किलोमीटर- 12,000 रुपए
1000-1500 किलोमीटर- 15,000 रुपए
1500 किमी से ज्यादा- 18,000 रुपए
नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के चलते इंडिगो को पायलट और क्रू शेड्यूल में बदलाव करना पड़ा। पिछले कुछ दिनों में हजारों फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं। इसके चलते टिकटों के दाम इतनी तेजी से बढ़े कि कुछ रूट्स पर 4 गुना तक की वृद्धि देखी गई। दिल्ली-मुंबई नॉन-स्टॉप किराया 65,460 रुपए, कोलकाता-मुंबई वन-स्टॉप 90,000 रुफए, बेंगलुरु-नई दिल्ली का किराया 88,000 रुपए तक पहुंच चुका था। सरकार ने यात्रियों की मदद के लिए एक्स्ट्रा ट्रेनें भी चलाई हैं।
सिविल एविएशन मंत्रालय ने साफ किया कि अब वे किराए की निगरानी रियल-टाइम डेटा और एयरलाइंस तथा ट्रैवल प्लेटफॉर्म्स के साथ एक्टिव को-ऑर्डिशेन के जरिए करेंगे। किसी भी तरह के हाई प्राइस या नियमों के उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई होगी।
इसी बीच एयर इंडिया (Air India) ने बताया कि उसने 4 दिसंबर से इकोनॉमी क्लास टिकटों पर कैप पहले से ही लगा रखा था। इसके पीछे मकसद ऑटोमैटेड रिवेन्यू सिस्टम से अचानक दाम बढ़ने से रोकना था। एयरलाइन ने यह भी कहा कि ऑनलाइन दिख रहे हाई-फेयर स्क्रीनशॉट्स वन-स्टॉप या टू-स्टॉप और मिक्स्ड कैबिन टिकट्स के लिए होते हैं, जहां कैप लागू करना तकनीकी रूप से चैलेंजिंग है।