INS Vikrant: चलता-फिरता शहर है आईएनएस विक्रांत, जानें 10 सबसे बड़ी खूबियां

Published : Oct 20, 2025, 02:50 PM IST
INS Vikrant Facts

सार

पीएम मोदी ने 20 अक्टूबर को आईएनएस विक्रांत पर नेवी के जवानों संग दिवाली मनाई। ये देश का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है, जिससे दुश्मन थर-थर कांपता है। आइए जानते हैं, INS विक्रांत की कुछ सबसे बड़ी खूबियों के बारे में। 

INS Vikrant Interesting Facts: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार 20 अक्टूबर को गोवा तट पर भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत पर भारतीय नौसेना के जवानों संग दिवाली मनाई। इस दौरान उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जश्न भी सेलिब्रेट किया। इस मौके पर जानते हैं, आईएनएस विक्रांत की 10 सबसे बड़ी खूबियां।

1- भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत, नेवी की ताकत बढ़ाने के लिए 2022 में नौसेना में शामिल किया गया।

2- अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस, INS विक्रांत को "चलता-फिरता शहर" भी कहा जाता है। इसका नाम इसके पूर्ववर्ती पोत के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 में बांग्लादेश की मुक्ति के लिए पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

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3- भारत में निर्मित होने वाला सबसे बड़ा युद्धपोत आईएनएस विक्रांत 262.5 मीटर लंबा, 62 मीटर चौड़ा और 59 मीटर ऊंचा है। इसमें 14 डेक हैं। यह रूसी प्लेटफॉर्म पर निर्मित आईएनएस विक्रमादित्य के बाद देश का दूसरा विमानवाहक पोत है।

4- नौसेना के मुताबिक, आईएनएस विक्रांत युद्धपोत 2 फुटबॉल मैदानों जितना बड़ा और 18 मंजिल ऊंचा है। विमानवाहक पोत का हैंगर ओलिंपिक आकार के 2 पूल जितना बड़ा है। यह युद्धपोत अब पश्चिमी नौसेना कमान के अधीन है और नौसैनिक कार्यों को संभालने में सक्षम है।

5- INS विक्रांत का वजन करीब 45 हजार टन है। इसमें एक ताकतवर टर्बाइन लगी है, जो इसे 1.10 लाख हॉर्स पावर की शक्ति देती है। इसमें ब्रह्मोस मिसाइलें भी लगी हैं। इसकी स्ट्राइक रेंज 1500 किलोमीटर है।

6- INS विक्रांत में मिग-29K लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर सहित 30 विमान सवार हो सकते हैं। इसमें लगभग 1600 लोगों का चालक दल भी रह सकता है। 

7- इस युद्धपोत को बनने में 10 साल से भी ज्यादा का समय लगा है और इसमें 16 बिस्तरों वाला अस्पताल, 250 ईंधन टैंकर और 2400 कम्पार्टमेंट हैं।

8- ऑपरेशन सिंदूर के समय INS विक्रांत को अरब सागर में करवर तट के पास तैनात किया गया था। इसमें एक विमानवाहक, 4 डेस्ट्रॉयर और एक फ्रिगेट शामिल थे। ये जहाज हवा, जमीन और पनडुब्बी से बचाव करते हुए कराची-ग्वादर बंदरगाहों तक हमला करने में सक्षम थे।

9- आईएनएस विक्रांत को बनाने में 3.1 अरब डॉलर यानी करीब 27,280 करोड़ रुपए का खर्च आया है। ये विमानवाहक पोत 2 सितंबर, 2022 को नौसेना में कमिशंड हुआ।

10- आईएनएस विक्रांत की स्पीड 30 नॉट यानी 56 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसमें 196 ऑफिसर्स के अलावा 1449 सेलर्स का क्रू रह सकता है।

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