21 जून को 8वें इंटरनेशनल योग दिवस(international yoga day 2022) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi)मैसूर पैलेस मैदान में सामूहिक योग प्रदर्शन में शामिल हुए। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित भी किया। पढ़िए PM मोदी की स्पीच के मुख्य अंश...
मैसूर. 21 जून को 8वें इंटरनेशनल योग दिवस(international yoga day 2022) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) मैसूर पैलेस मैदान में सामूहिक योग प्रदर्शन में शामिल हुए। इस बार आजादी के अमृत महोत्सव को योग दिवस के समारोह के साथ जोड़कर मैसूर में प्रधानमंत्री द्वारा योग प्रदर्शन के साथ-साथ 75 केंद्रीय मंत्रियों के नेतृत्व में देश भर में 75 प्रतिष्ठित स्थानों पर सामूहिक योग प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित भी किया। पढ़िए PM मोदी की स्पीच के मुख्य अंश...
ऐसे की PM मोदी ने अपनी स्पीच की शुरुआत
आज योग दिवस के अवसर पर मैं कर्नाटक की सांस्कृतिक राजधानी, आध्यात्म और योग की धरती मैसूरू को प्रणाम करता हूं। मैसूरू जैसे भारत के आध्यात्मिक केन्द्रों ने जिस योग-ऊर्जा को सदियों से पोषित किया, आज वो योग ऊर्जा विश्व स्वास्थ्य को दिशा दे रही है। आज योग वैश्विक सहयोग का पारस्परिक आधार बन रहा है। आज योग मानव मात्र को निरोग जीवन का विश्वास दे रहा है। हम आज सुबह से देख रहे हैं कि योग की जो तस्वीरें कुछ वर्ष पहले केवल घरों में, आध्यात्मिक केन्द्रों में दिखती थीं, वो आज विश्व के कोने-कोने से आ रही हैं। ये तस्वीरें आत्मिक बोध के विस्तार की तस्वीरें हैं। ये तस्वीरें एक सहज, स्वाभाविक और सांझी मानवीय चेतना की तस्वीरें हैं। खास तौर पर तब, जब दुनिया ने बीते दो सालों में सदी की इतनी बड़ी महामारी का सामना किया हो! इन परिस्थितियों में देश, द्वीप, महाद्वीप की सीमाओं से ऊपर, योग दिवस का ये उत्साह, ये हमारी जीवटता का भी प्रमाण है।
योग अब वैश्विक पर्व बन गया है
योग अब एक वैश्विक पर्व बन गया है। योग किसी व्यक्ति मात्र के लिए नहीं, संपूर्ण मानवता के लिए है। इसीलिए, इस बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम है-Yoga for humanity! मैं इस थीम के जरिए योग के इस संदेश को पूरी मानवता तक पहुंचाने के लिए यूनाइटेड नेशन्स का और सभी देशों का हृदय से धन्यवाद करता हूं। मैं दुनिया के सभी नागरिकों का भी सभी भारतीयों की तरफ से अभिनंदन करता हूं। साथियों, योग के लिए हमारे ऋषियों, हमारे महर्षियों ने, हमारे आचार्यों ने कहा है- “शांतिम् योगेन विंदति”।
आजादी का 75वां वर्ष
साथियों, भारत में हम इस बार योग दिवस हम एक ऐसे समय पर मना रहे हैं, जब देश अपनी आजादी के 75वें वर्ष का पर्व मना रहा है, अमृत महोत्सव मना रहा है। योग दिवस की ये व्यापकता, ये स्वीकार्यता भारत की उस अमृत भावना की स्वीकार्यता है, जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को ऊर्जा दी थी। इसी भावना को celebrate करने के लिए आज देश के 75 अलग-अलग शहरों के 75 ऐतिहासिक स्थलों के साथ ही, अन्य नगरों के लोग भी ऐतिहासिक स्थानों पर योग कर रहे हैं। जो ऐतिहासिक स्थान भारत के इतिहास के साक्षी रहे, जो स्थान सांस्कृतिक ऊर्जा के केंद्र हैं, वो आज योग दिवस के जरिए एक साथ जुड़ रहे हैं।
मैसू पैलेस का अपना इतिहास रहा है
इस मैसूर पैलेस का भी इतिहास में अपना ही विशेष स्थान है। भारत के ऐतिहासिक स्थलों पर सामूहिक योग का अनुभव, भारत के अतीत को, भारत की विविधता को, और भारत के विस्तार को एक सूत्र में पिरोने जैसा है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी हमने इस बार “Guardian Ring of Yoga”, ये “Guardian Ring of Yoga” का ऐसा ही अभिनव प्रयोग आज पूरे विश्वभर में हो रहा है। दुनिया के अलग-अलग देशों में सूर्योदय के साथ, सूर्य की गति के साथ, लोग योग कर रहे हैं, योग से जुड़ रहे हैं। जैसे-जैसे सूर्य आगे बढ़ रहा है, उदय हो रहा है, उसकी प्रथम किरण के साथ अलग-अलग देशों में लोग साथ जुड़ते जा रहे हैं, पूरी पृथ्वी के चारों ओर योग की रिंग बन रही है। यही है Guardian Ring of Yoga. योग के ये प्रयोग स्वास्थ्य, संतुलन और सहयोग की अद्भुत प्रेरणा दे रहे हैं।
योग पार्ट आफ लाइफ नहीं, वे ऑफ लाइफ है
साथियों, दुनिया के लोगों के लिए योग आज हमारे लिए केवल part of life नहीं है, please remind ये part of life नहीं है, बल्कि योग अब way of life बन रहा है। हमारा दिन योग के साथ शुरू हो, इससे बेहतर शुरुआत और क्या हो सकती है? लेकिन, हमें योग को किसी एक खास समय और स्थान तक ही सीमित नहीं रखना है। हमने देखा भी है, हमारे यहां घर के बड़े, हमारे योग साधक दिन के अलग-अलग समय में प्राणायाम करते हैं। कई लोग अपने ऑफिस में भी काम के बीच में कुछ देर दंडासन करते हैं, फिर दोबारा काम शुरू करते हैं। हम कितने भी तनावपूर्ण माहौल में क्यों न हों, कुछ मिनट का ध्यान हमें relax कर देता है, हमारी productivity को बढ़ा देता है।
इसलिए, हमें योग को एक अतिरिक्त काम के तौर पर नहीं लेना है। हमें योग को जानना भी है, हमें योग को जीना भी है। हमें योग को पाना भी है, हमें योग को अपनाना भी है और हमें योग को पनपाना भी है। और जब हम योग को जीने लगेंगे, योग दिवस हमारे लिए योग करने का नहीं, बल्कि अपने स्वास्थ्य, सुख और शांति को celebrate करने का माध्यम बन जाएगा।
योग से जुड़ी अनंत संभावनाओं को साकार करें
साथियों, आज समय है कि हम योग से जुड़ी अनंत संभावनाओं को साकार करें। आज हमारे युवा बड़ी संख्या में योग के क्षेत्र में नए-नए ideas के साथ आ रहे हैं। इस दिशा में हमारे देश में आयुष मंत्रालय ने ‘स्टार्टअप योगा चैलेंज’ भी लांच किया है। योग के अतीत को, योग की यात्रा को और योग से जुड़ी संभावनाओं के लिए यहां मैसूरू के दशहरा ग्राउंड में Innovative digital Exhibition भी लगी है। मैं देश के और दुनिया के सभी युवाओं से इस तरह के प्रयासों से जुड़ने का आह्वान करता हूं। मैं वर्ष 2021 के लिए ‘Prime Minister’s Awards for outstanding contribution for Promotion and Development of Yoga’ के जो winners हैं, मैं उन सभी winners को हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मुझे विश्वास है, योग की ये अनादि यात्रा अनंत भविष्य की दिशा में ऐसे ही अनवरत चलती रहेगी।
हम ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयः’ के भाव के साथ एक स्वस्थ और शांतिपूर्ण विश्व को योग के माध्यम से भी गति देंगे। इसी भाव के साथ, आप सभी को एक बार फिर योग दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं, बहुत-बहुत बधाई। धन्यवाद
(पीएम मोदी की यह स्पीच प्रेस इन्फॉर्मेशन की साइट से ली गई है)
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