ईशा फाउंडेशन ने 18 शवदाहगृह शुरू किए, ताकि सम्मान-संवेदनशीलता के साथ हो कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार

कोरोना वायरस की दूसरी लहर से पूरा देश जूझ रहा है। हर दिन करीब 4000 लोगों की मौत महामारी से हो रही है। कुछ जगहों से कोरोना संक्रमित शवों के साथ अमानवीयता की खबरें भी सामने आई हैं। ऐसे में ईशा फाउंडेशन की ओर से 18 शवदाहगृह शुरू किए हैं। 

Asianet News Hindi | Published : May 26, 2021 8:47 AM IST / Updated: May 26 2021, 05:35 PM IST

चेन्नई. कोरोना वायरस की दूसरी लहर से पूरा देश जूझ रहा है। हर दिन करीब 4000 लोगों की मौत महामारी से हो रही है। कुछ जगहों से कोरोना संक्रमित शवों के साथ अमानवीयता की खबरें भी सामने आई हैं। ऐसे में ईशा फाउंडेशन की ओर से 18 शवदाहगृह शुरू किए हैं। ताकि प्रशासन और समाज की मदद से कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार सम्मान और संवेदनशीलता के साथ हो सकें। 

पिछले एक साल से, ईशा के वालंटियर और स्टाफ महामारी के पीड़ितों को सम्मानजनक विदाई देने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। 

गरिमा और आदर के साथ करें अंतिम संस्कार
सद्गुरु ने कहा, सभी उम्र के लोग मर रहे हैं। ये मायने नहीं रखता कि वे किस समुदाय से संबंध रखते हैं। ऐसे में हमें आदर और गरिमा के साथ उनका अंतिम संस्कार कर सकते हैं। हमें उन्हें वापस नहीं ला सकते। ना ही इस समय मौत हमारे हाथ में है। लेकिन जो लोग इसका सामना कर रहे हैं, हम उनके लिए इसे थोड़ा आसान जरूर बना सकते हैं। 

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देश में क्या है कोरोना की स्थिति?
कोरोना मामलों में रोज नया उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। हालांकि यह अच्छी बात है कि नए केस बहुत ज्यादा उछाल नहीं ले रहे हैं। पिछले 24 घंटे में फिर से केस बढ़कर 2.08 लाख हो गए। जबकि इससे पहले 1.95 केस सामने आए थे। मौतें भी बढ़कर 4159 को गईं, जबकि 24 मई को 3494 मौतें हुई थीं। रिकवरी पर भी असर दिखाई दिया है। पिछले 24 घंटे में 2.95 लाख लोग रिकवर हुए, जबकि 25 मई का यही आंकड़ा 3.26 लाख था। देश में अब तक 2,71,56,382 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इस समय देश में 24.90 लाख एक्टिव केस हैं। 2,43,43,299 लोग ठीक हो चुके हैं। 
 

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