
Israel Iran War: ईरान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष के बीच भारत के पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शुक्रवार को इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) से फोन पर बातचीत की। पीएम मोदी ने मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव पर गंभीर चिंता जताई और शांति एवं स्थिरता की तत्काल बहाली की अपील की।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा: मैंने इजराइली प्रधानमंत्री से भारत की चिंताओं को साझा किया और क्षेत्र में जल्द से जल्द शांति एवं स्थिरता की आवश्यकता पर जोर दिया।
इजराइल ने शुक्रवार को ऑपरेशन राइजिंग लायन (Operation Rising Lion) शुरू करते हुए ईरान पर जबरदस्त हवाई हमला किया। इस अभियान के तहत तेहरान स्थित न्यूक्लियर एनरिचमेंट फैसिलिटी, बैलिस्टिक मिसाइल फैक्ट्रीज़ और टॉप मिलिट्री कमांडर्स को निशाना बनाया गया।
इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस ऑपरेशन को देश के इतिहास का निर्णायक क्षण बताया और कहा: हमने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के केंद्र पर सीधा वार किया है।
ईरान की न्यूज़ एजेंसी Nournews के अनुसार, इन हमलों में 78 लोगों की मौत हुई है। यह हमला 1980 के दशक के ईरान-इराक युद्ध के बाद सबसे गंभीर माना जा रहा है। ईरान का कहना है कि इजराइल ने उसके न्यूक्लियर और मिसाइल इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया है।
इससे पहले भारत सरकार ने इजराइल-ईरान टकराव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वह स्थिति पर करीबी नजर रख रही है और दोनों पक्षों से तनाव न बढ़ाने की अपील करती है।
विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया: हम मिडिल ईस्ट की ताजा घटनाओं से गहराई से चिंतित हैं और सभी पक्षों से संयम बरतने और कोई भी ऐसा कदम न उठाने की अपील करते हैं जिससे हालात बिगड़ें।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने केवल भारत ही नहीं बल्कि जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ (Friedrich Merz) और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) से भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष केवल इजराइल का नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है अगर ईरान परमाणु हथियार बना लेता है।
हालांकि, नेतन्याहू की ट्रंप से सीधी बातचीत अभी नहीं हुई है लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही ईरान को चेतावनी दी है। ट्रंप ने कहा: ईरान को अब समझौता करना चाहिए। अमेरिका के पास दुनिया के सबसे घातक हथियार हैं और उनमें से कई इजराइल के पास हैं।