इसरो को मिली बड़ी कामयाबी, पृथ्वी की कक्षा में वापस लाया चंद्रयान-3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल

Published : Dec 05, 2023, 08:53 AM ISTUpdated : Dec 05, 2023, 08:55 AM IST
Chandrayaan-3 Mission

सार

इसरो चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के प्रोपल्शन मॉड्यूल को चांद की कक्षा से वापस पृथ्वी की कक्षा में ले आया है। इससे इसरो की इस क्षमता का प्रदर्शन हुआ है कि वह चांद तक कोई सामान भेजने के साथ ही उसे वापस भी ला सकता है। 

नई दिल्ली। अंतरिक्ष में इंसान भेजने की दिशा में भारत की स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) को बड़ी कामयाबी मिली है। इसरो सफलतापूर्वक चंद्रयान -3 (Chandrayaan-3) अंतरिक्ष यान के प्रोपल्शन मॉड्यूल को पृथ्वी की कक्षा में वापस ले आया है। इससे इसरो की इस क्षमता का प्रदर्शन हुआ है कि वह चंद्रमा पर किसी वस्तु को भेज सकता है और उसे वापस भी ला सकता है।

इसरो ने बताया है कि विक्रम (लैंडर) द्वारा चंद्रमा पर छलांग लगाने के बाद यह एक और उपलब्धि थी। इसरो ने कहा, "एक और अनूठे प्रयोग में विक्रम लैंडर पर हॉप प्रयोग की तरह चंद्रयान -3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को चंद्रमा कक्षा से निकालकर पृथ्वी की कक्षा में लाया गया है। यह धरती के चक्कर लगा रहा है।"

 

 

चंद्रयान-3 ने सॉफ्ट लैंडिंग कर रचा था इतिहास

दरअसल, भारत के चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रचा था। इसके बाद चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने चंद्रमा की सतह पर खोजबीन की। विक्रम लैंडर को चांद की सतह से उठाकर इसरो ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया था कि वह चांद पर अंतरिक्ष यान भेज सकता है और उसे वापस ला सकता है।

यह भी पढ़ें- भारत के सूर्य मिशन को मिली बड़ी कामयाबी, Aditya L1 के सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट पेलोड ने शुरू किया काम

14 जुलाई 2023 को लॉन्च हुआ था चंद्रयान-3

चंद्रयान-3 को 14 जुलाई 2023 को रॉकेट LVM3-M4 से लॉन्च किया गया था। 23 अगस्त को विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग की थी। चंद्रमा के इस हिस्से में पहुंचने वाला भारत एकमात्र देश है। चांद पर पहुंचने वाला भारत चौथा देश है। इससे पहले रूस, अमेरिका और चीन चांद पर पहुंचे थे।

PREV

Recommended Stories

हैदराबाद में कड़ाके की ठंड: 7 साल में पारा सबसे नीचे-IMD भी चौंका, क्या ठंड और बढ़ेगी?
अब क्यों नाराज हुए अन्ना हजारे? कर दिया आखिरी आमरण अनशन का ऐलान-क्या है 7 लेटर का रहस्य?