22 जुलाई को 2.43 बजे अंतरिक्ष की उड़ान भरने के बाद भी चंद्रयान 6 सितंबर, 2019 को चंद्रमा पर पहुंच जाएगा।
चेन्नई. इसरो ने चंद्रयान-2 की यात्रा में तेजी ला दी है। पहले ये यान 54 दिन में चांद तक की यात्रा तय करता। लेकिन इसमें कई तरह के बदलाव कर दिए गए हैं, जिससे चंद्रयान अपनी यात्रा मात्र 48 दिनों में तय करेगा। इसे 22 जुलाई को दोपहर 2.43 बजे लॉन्च किया गया। 15 जुलाई की लॉन्चिंग और 22 जुलाई की लॉन्चिंग की तुलना में इसरो ने जो बदलाव किए हैं। आइए जानते हैं...
1. पृथ्वी के ऑर्बिट में जाने का समय करीब एक मिनट बढ़ा दिया गया है।
22 जुलाई को चंद्रयान-2 974.30 सेकंड (करीब 16.23 मिनट) में पृथ्वी से 181.65 किमी की उंचाई पर पहुंचेगा।
15 जुलाई को चंद्रयान 973.70 सेकंड (करीब 16.22 मिनट) में पृथ्वी से 181.61 किमी पर जाना था।
2. पृथ्वी के चारों तरफ अंडाकार चक्कर में बदलाव, एपोजी में 60.4 किमी का अंतर
22 जुलाई- चंद्रयान लॉन्चिंग के बाद पृथ्वी के चारों तरफ अंडाकार कक्षा में चक्कर लगाएगा। इसकी पेरिजी (पृथ्वी से कम दूरी) 170 किमी और एपोजी (पृथ्वी से ज्यादा दूरी) 39120 किमी होगी।
15 जुलाई- यान की पेरिजी 170.06 किमी और एपोजी 39059.60 किमी थी। इसके मुताबिक, एपोजी में 60.4 किमी का अंतर लाया गया है। पृथ्वी के चारों तरफ लगाने वाला चक्कर कम किया गया है।
3. 6 सितंबर को चांद पर पहुंचेगा चंद्रयान
अगर चंद्रयान को 15 जुलाई को लॉन्च किया जाता तो ये 6 सितंबर को चांद पर पहुंचता। ऑर्बिट का समय बढ़ा देने और एपोजी को कम कर देने से 22 जुलाई को 2.43 बजे अंतरिक्ष की उड़ान भरने के बाद भी यान 6 सितंबर, 2019 को चंद्रमा पर पहुंच जाएगा। यानी की अब ये 54 की बजाय 48 दिन में अपनी यात्रा तय करेगा।
4. यान की वेलोसिटी में 1.12 मीटर प्रति सेकंड का इजाफा
चंद्रयान-2 स्पीड में इजाफा किया गया है। इसकी स्पीड 10305.78 मीटर प्रति सेकंड होगी। 15 जुलाई को लॉन्च होता तो इसकी स्पीड 10,304.66 मीटर प्रति सेकंड की होती।