Aditya-L1 की सफलता के साथ ही सूर्य का अध्ययन करने वाले खास देशों में एक बना भारत, जानें पहले से कौन से देश कर रहे ये काम

भारत का पहला सौर मिशन आदित्य एल वन (ISRO Aditya-L1) अपनी कक्षा में पहुंच गया है। इसके साथ ही भारत सफल सौर मिशन चलाने वाले चंद देशों में से एक बन गया है। अमेरिका, जापान, यूरोप और चीन पहले से सूर्य का अध्ययन कर रहे हैं।

 

Vivek Kumar | Published : Jan 6, 2024 12:18 PM IST

नई दिल्ली। भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) ने शनिवार को एक और कीर्तिमान अपने नाम किया। इसरो का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल वन (ISRO Aditya-L1) धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर लैग्रेंज प्वाइंट 1 के हेलो ऑर्बिट में स्थापित हो गया है। यहां से यह सूर्य का अध्ययन करेगा। इस सफलता के साथ ही भारत सूर्य का अध्ययन करने वाले दुनिया के खास देशों में शामिल हो गया है।

दूसरे देशों की बात करें तो सूर्य के अध्ययन में अमेरिका सबसे आगे है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) 1960 से ही सूर्य का अध्ययन कर रही है। जापान ने 1981 में अपना पहला सूर्य मिशन लॉन्च किया था। यह मिशन सोलर फ्लेयर्स के अध्ययन के लिए भेजा गया था। इसके बाद 1990 में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने 1990 में सूर्य के अध्ययन के लिए मिशन भेजा था। फरवरी 2020 में नासा और ईएसए ने संयुक्त रूप से एक सोलर ऑर्बिटर लॉन्च किया था।

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अमेरिका के सूर्य मिशन

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (National Aeronautics and Space Administration) ने अगस्त 2018 में पार्कर सोलर प्रोब लॉन्च किया था। दिसंबर 2021 में पार्कर ने सूर्य के ऊपरी वायुमंडल कोरोना और वहां कणों और चुंबकीय क्षेत्रों का नमूना लिया। यह पहली बार था कि किसी अंतरिक्ष यान ने सूर्य को छुआ।

फरवरी 2020 में नासा ने ईएसए के साथ हाथ मिलाया और डेटा एकत्र करने के लिए सोलर ऑर्बिटर लॉन्च किया ताकि पता लगाया जा सके कि सूर्य ने पूरे सौर मंडल में लगातार बदलते अंतरिक्ष वातावरण को कैसे बनाया और नियंत्रित किया।

नासा ने अगस्त 1997 में एडवांस्ड कंपोजिशन एक्सप्लोरर, अक्टूबर 2006 में सोलर टेरेस्ट्रियल रिलेशंस ऑब्जर्वेटरी, फरवरी 2010 में सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी और जून 2013 में इंटरफेस रीजन इमेजिंग स्पेक्ट्रोग्राफ लॉन्च किया गया। ये सभी सौर मिशन सक्रिय हैं। इसके अलावा दिसंबर 1995 में NASA, ESA और JAXA (जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी) ने संयुक्त रूप से सोलर एंड हेलिओस्फेरिक ऑब्जर्वेटरी (SOHO) लॉन्च किया था।

जापान के सूर्य मिशन

जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA ने 1981 में अपना पहला सौर ऑब्जर्वेटरी सैटेलाइट हिनोटोरी (ASTRO-A) लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य हार्ड एक्स-रे का इस्तेमाल कर सोलर प्लेयर्स का अध्ययन करना था। JAXA ने 1991 में योहकोह (SOLAR-A) सोलर मिशन लॉन्च किया था। 2006 में जापान ने हिनोड (SOLAR-B) लॉन्च किया था। जापान ने इसे अमेरिका और ब्रिटेन के सहयोग से लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य पृथ्वी पर सूर्य के प्रभाव का अध्ययन करना है।

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के सोलर मिशन

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने अक्टूबर 1990 में सूर्य के ध्रुवों के ऊपर और नीचे अंतरिक्ष के वातावरण का अध्ययन करने के लिए यूलिसिस लॉन्च किया था। ESA ने अक्टूबर 2001 में Proba-2 लॉन्च किया था।

चीन का सूर्य मिशन

चीन ने 8 अक्टूबर, 2022 को ASO-S (Advanced Space-based Solar Observatory) लॉन्च किया था। इसे चीनी विज्ञान अकादमी (सीएएस) के राष्ट्रीय अंतरिक्ष विज्ञान केंद्र द्वारा भेजा गया था।

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