कर्ज में डूबे चंद्रयान-3 के वैज्ञानिक ने राज्य सरकार से मिले 25 लाख रुपये को किया एलुमिनाई एसोसिएशन को दान

वीरमुथुवेल के अलावा एम शंकरन ने भी अपनी 25 लाख रुपये के राज्य पुरस्कार को दान करने का फैसला किया है।

Chandrayan-3 mission: चंद्रयान-3 मिशन के परियोजना निदेशक डॉ.पी.वीरमुथुवेल ने गांधी जयंती पर मिले अवार्ड की धनराशि 25 लाख रुपये को दान कर दिया है। होम लोन की ईएमआई चुका रहे वीरमुथुवेल ने अवार्ड की धनराशि व्यक्तिगत इस्तेमाल में न लाकर एलुमिनाई एसोसिएशन को दान देने का फैसला किया है। इसरो वैज्ञानिक का यह दान उनकी दो साल की सैलरी के बराबर है। वीरमुथुवेल के अलावा एम शंकरन ने भी अपनी 25 लाख रुपये के राज्य पुरस्कार को दान करने का फैसला किया है।

विक्रम लैंडर की सफलता के बाद तमिलनाडु सरकार ने किया था सम्मान

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46 वर्षीय डॉ.पी.वीरमुथुवेल चंद्रयान-3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर थे। रेलवे टेक्निशियन के बेटे वीरमुथुवेल, उस सफलतम टीम के नेतृत्वकर्ता थे जिन्होंने चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर साफ्ट लैंडिंग करा इतिहास रचा था। चंद्रयान-3 टीम की सफलता के बाद तमिलनाडु सरकार ने इसरो के इन सभी वैज्ञानिकों को 25-25 लाख रुपये देने का ऐलान किया था। गांधी जयंती पर इन वैज्ञानिकों को राज्य सरकार की ओर से सम्मानित किया गया था। डॉ.वीरमुथुवेल ने इस सम्मान राशि को व्यक्तिगत इस्तेमाल की बजाय अपने अल्मामेटर को दान करने का फैसला किया।

डॉ. वीरमुथुवेल का कहना है कि चंद्रयान की सफलता एक सामूहिक सफलता थी न कि व्यक्तिगत। इसलिए इस पुरस्कार को साझा करना सबसे अच्छा विकल्प था। मैंने इस पुरस्कार को उस संस्थान को देने का निर्णय लिया जिसने मुझे या मुझ जैसे वैज्ञानिकों को आकार दिया। डॉ. वीरमुथुवेल ने कहा कि मेरी अंतरात्मा मुझे इतनी बड़ी पुरस्कार राशि लेने की इजाजत नहीं दे रही थी इसलिए दान करना सबसे अच्छा विकल्प था। रॉकेट वैज्ञानिक ने कहा कि यह उन्हें अब तक मिली पहली पुरस्कार राशि है। डॉ वीरमुथुवेल ने कहा, "मैं एक गरीब परिवार से आता हूं। मैंने विल्लुपुरम के एक सरकारी रेलवे स्कूल में पढ़ाई की है और फिर भी पैसा मेरे लिए ज्यादा मायने नहीं रखता है। इसरो हमें राष्ट्रीय विकास में योगदान करने के लिए एक समृद्ध वातावरण देता है और यह सबसे संतोषजनक है।

घर के लिए वीरमुथुवेल ने लिया है कर्ज

अपना घर बनाने के लिए डॉक्टर वीरमुथुवेल ने एसबीआई से 72 लाख रुपये का कर्ज लिया था। वह अभी भी वह कर्ज चुका रहे हैं। फिर भी उन्होंने कहा कि 25 लाख रुपये का अप्रत्याशित लाभ उनके पास रखने के लिए नहीं है। डॉ. वीरमुथुवेल की पत्नी कविता बालासुब्रमणि एक गृहिणी हैं और उनकी बेटी कोयंबटूर के एक गुरुकुलम में पढ़ती है।

एक अन्य वैज्ञानिक ने भी धनराशि किया दान

एक अन्य वैज्ञानिक बेंगलुरु में यूआर राव सैटेलाइट सेंटर के निदेशक डॉ एम शंकरन ने भी थानथई पेरियार गवर्नमेंट आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज तिरुचिरापल्ली और राजा सेरफोरजी गवर्नमेंट आर्ट्स के एलुमिनाई एसोसिएशन को पुरस्कार में मिली 25 लाख रुपये की धनराशि को दान करने का निर्णय लिया है।

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