
बेंगलुरु। इसरो की वैज्ञानिक वलारमथी का कार्डियक अरेस्ट के कारण निधन हो गया है। उन्होंने चंद्रयान-3 मिशन की लॉन्चिंग के समय होने वाले काउंटडाउन को आवाज दी थी। इससे पहले भी उन्होंने कई रॉकेट लॉन्च की उलटी गिनती में अपनी आवाज दी थी।
वलारमथी ने आखिरी बार मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के दौरान उलटी गिनती को आवाज दी थी। चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था।
कौन थीं एन वलारमथी?
एन वलारमथी मूल रूप से तमिलनाडु के अरियालुर की रहने वालीं थीं। चेन्नई में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। वलारमथी का जन्म 31 जुलाई 1959 को हुआ था। उन्होंने 1984 में इसरो ज्वाइन किया था। उन्होंने कई अभियानों के लिए काम किया। वह भारत के पहले स्वदेशी रूप से विकसित रडार इमेजिंग सैटेलाइट (RIS) और देश के दूसरे ऐसे उपग्रह RISAT-1 की प्रोजेक्ट डायरेक्टर थीं। RISAT-1 को अप्रैल 2012 में सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था। वलारमथी को तमिलनाडु सरकार द्वारा पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की स्मृति में स्थापित प्रतिष्ठित अब्दुल कलाम पुरस्कार दिया गया था। वलारमथी यह अवार्ड पाने वालीं पहली व्यक्ति थीं।
23 अगस्त को चंद्रयान-3 ने रचा था इतिहास
23 अगस्त को चंद्रयान-3 ने इतिहास रचा था। इसके विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग की थी। इसके साथ ही भारत चंद्रमा पर पहुंचने वाला दुनिया का चौथा और इसके दक्षिणी ध्रुव पर जाने वाला पहला देश बना था।
विक्रम लैंडर के साथ गए प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा की सतह पर चहलकदमी की और खोजबीन किया। इसने सल्फर समेत कई तत्वों के चांद की जमीन पर होने की जानकारी दी। शनिवार को इसरो ने बताया कि प्रज्ञान रोवर सो गया है। चांद पर धरती के 14 दिन जितना बड़ा एक दिन और उनती बड़ी एक रात होती है। 14 दिन बाद प्रज्ञान रोवर को नींद से जगाने की कोशिश की जाएगी।