श्रीनगर में गुरुवार को दो स्कूल टीचरों पर हुए आतंकी हमले(terrorist attack) के बाद घाटी के अल्पसंख्यकों का गुस्सा फूट पड़ा है। शुक्रवार को जब दोनों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था, तब सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में सिख समुदाय आक्रोश जताने उतर आया।
श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर. श्रीनगर के ईदगाह संगम इलाके के दो टीचरों पर हुए आतंकी हमले से घाटी में रहने वाले सिख समुदाय का गुस्सा फूट पड़ा है। शुक्रवार को जब दोनों मृतकों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था, तब सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में सिख समुदाय आक्रोश जताने उतर आया। वे आतंकवाद के खिलाफ केंद्र सरकार से कड़े एक्शन की मांग कर रहे थे। कश्मीर में ऐसा पहली बार देखने को मिला है, जब आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अल्पसंख्यक इतनी बड़ी संख्या में सड़क पर उतरे हों।
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सिखों का हुजूम देखकर दंग हुए लोग
श्रीनगर में पहली बार सिख समुदाय इतनी बड़ी संख्या में आतंकवादी घटना के विरोध में उतरा है। बता दें कि गुरुवार सुबह करीब 11.30 बजे स्कूल में घुसकर आतंकवादियों ने प्रिंसिपल सुपिंदर कौर एक अन्य टीचर दीपक चांद के सिर में गोली मार दी थी। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट(TRF) ने ली है। आतंकवादियों ने पहले सभी टीचरों का आईडी कार्ड देखा। इसके बाद मुस्लिम टीचरों को अलग करके इन दोनों को स्टाफ रूम से बाहर ले गए और फिर गोली मार दी।
इसलिए बौखलाए हुए हैं आतंकवादी
1990 के बाद यह पहला मौका है, जब कश्मीरी पंडितों की जमीनों पर हुए कब्जे छुड़ाए जा रहे हैं। घाटी में कश्मीरी पंडितों की वापसी होते देखकर आतंकवादी बौखलाए हुए हैं। प्रशासन ने सितंबर में एक पोर्टल शुरू किया है, इसमें ऐसी विवादास्पद प्रॉपर्टी को लेकर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। श्रीनगर के डीसी मोहम्मद एजाज असद के मुताबिक जिले में ऐसी 660 शिकायतें मिली हैं। इनमें से 390 हल की जा चुकी हैं। शोपियां में 400 शिकायतें आईं।
पाकिस्तान के खिलाफ फूटा गुस्सा
कश्मीर में आतंकवादी संगठनों को शह देने वाले पाकिस्तान को लेकर लोग आक्रोशित देखे गए। श्रीनगर में बड़ी संख्या में लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया। वे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग कर रहे थे।
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