क्या आपको पता है कि बिना हॉलमार्किंग वाली ज्वैलरी की जांच का कितना शुल्क लगता है, ये आपके काम की खबर

देश में अनिवार्य हॉलमार्किंग(hallmarking) का सफल कार्यान्वयन जारी है। इसकी शुरुआत के बाद अब लगभग हर दिन 3 लाख सोने की वस्तुओं को एचयूआईडी के साथ हॉलमार्क किया जा रहा है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने अब एक आम उपभोक्ता को बीआईएस से मान्यता प्राप्त किसी भी परख और हॉलमार्किंग केंद्रों (एएचसी) में से किसी भी एक केंद्र में अपने बिना पहचान वाले सोने के आभूषणों की शुद्धता की जांच कराने की अनुमति देने का प्रावधान किया है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 12, 2022 2:18 AM IST / Updated: Mar 12 2022, 07:50 AM IST

नई दिल्ली. देश में अनिवार्य हॉलमार्किंग(hallmarking) का सफल कार्यान्वयन जारी है। इसकी शुरुआत के बाद अब लगभग हर दिन 3 लाख सोने की वस्तुओं को एचयूआईडी के साथ हॉलमार्क किया जा रहा है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने अब एक आम उपभोक्ता को बीआईएस से मान्यता प्राप्त किसी भी परख और हॉलमार्किंग केंद्रों (एएचसी) में से किसी भी एक केंद्र में अपने बिना पहचान वाले सोने के आभूषणों की शुद्धता की जांच कराने की अनुमति देने का प्रावधान किया है।

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Hallmarking Center Fee: जानिए कितना लगता है चार्ज
एएचसी प्राथमिकता के आधार पर आम उपभोक्ताओं के स्वर्ण आभूषणों का परीक्षण करेगा और उपभोक्ता को एक जांच रिपोर्ट प्रदान करेगा। उपभोक्ता को जारी की गई यह रिपोर्ट उपभोक्ता को उनके आभूषणों की शुद्धता के बारे में आश्वस्त करेगी और यदि उपभोक्ता अपने पास पड़े आभूषणों को बेचना चाहता है तो यह भी उपयोगी साबित होगी। सोने के आभूषणों में 4 वस्तुओं तक की जांच 200 रुपये तक, 5 या इससे अधिक वस्तुओं के लिए लागत 45 रुपये प्रति आभूषण है।

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यहां से जानकारी हासिल कर सकते हैं
उपभोक्ता के सोने के आभूषणों के परीक्षण पर विस्तृत दिशा-निर्देश और मान्यता प्राप्त परख एवं हॉलमार्किंग केंद्रों की सूची बीआईएस वेबसाइट www.bis.gov.in के होम पेज के माध्यम से देखी जा सकती है। उपभोक्ता द्वारा खरीदे गए एचयूआईडी नंबर वाले हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों की प्रामाणिकता और शुद्धता को बीआईएस केयर ऐप में 'वेरीफाई एचयूआईडी' का उपयोग करके भी सत्यापित किया जा सकता है, जिसे प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।

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गोल्ड हॉलमार्किंग क्या है?
गोल्ड पर हॉलमार्किंग धातु की शुद्धता का सबूत है। सरकार की घोषणा से पहले ये प्रक्रिया अनिवार्य नहीं थी। यानी दुकानों पर बिना हॉलमार्किंग वाले गहने भी बेचे जा सकते थे।  भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने यह व्यवस्था तैयार की है। 

हॉलमार्किंग से क्या फायदा? 
सरकार का दावा है कि सोने के गहनों और कलाकृतियों की हॉलमार्किंग से प्रोडक्ट पर भरोसा बढ़ेगा। 

यह सुनिश्चित करेगा कि सोने के गहने खरीदते समय उपभोक्ताओं को धोखा न मिले।

सरकार ने यह भी कहा कि अनिवार्य हॉलमार्किंग से भारत को दुनिया में एक प्रमुख गोल्ड मार्कर सेंटर बनने में मदद मिलेगी।

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