Jal Jeevan Mission: 117 जिलों की बदली तस्वीर, 1.1 करोड़ घरों तक पहुंचा नलों से पानी, साफ-सफाई भी बेहतर

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन(Jal Jeevan Mission) ने पिछले 28 महीने में 11 आकांक्षी जिलों की तस्वीर बदल दी है। यहां के 1.1 करोड़ घरों में नलों से पानी पहुंचने लगा है। पहले यहां 3.39 करोड़ घरों में सिर्फ 24 लाख में ही नल थे। इसके अलावा साफ-सफाई को लेकर भी बेहतर स्थिति हुई है। अब मार्च 2023 तक सभी आकांक्षी जिलों को 'हर घर जल' बनाने का काम तेजी से पूरा करने पर जोर है।
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 5, 2022 6:16 AM IST / Updated: Feb 05 2022, 11:55 AM IST

नई दिल्ली. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन(Jal Jeevan Mission) ने पिछले 28 महीने में 11 आकांक्षी जिलों की तस्वीर बदल दी है। यहां के 1.1 करोड़ घरों में नलों से पानी पहुंचने लगा है। पहले यहां 3.39 करोड़ घरों में सिर्फ 24 लाख में ही नल थे। इसके अलावा साफ-सफाई को लेकर भी बेहतर स्थिति हुई है।

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सम्मेलन में दी गई जानकारी 
जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग ने शुक्रवार को आकांक्षी जिलों में सुनिश्चित पोर्टेबल जल आपूर्ति और ओडीएफ प्लस पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी-सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, "आकांक्षी जिले कई मायनों में अद्वितीय हैं और कई चुनौतियों का सामना करते हैं। इन क्षेत्रों में काम करने के मॉडल की संयुक्त राष्ट्र सहित कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने सराहना की है। पानी और स्वच्छता का प्रभाव कई गुना है और स्वास्थ्य तथा पोषण को सीधे प्रभावित करता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि जिला कलेक्टर और नीति निर्माता यह सुनिश्चित करने के लिए अति आवश्यक नेतृत्व प्रदान करें कि शौचालय की सुविधा और नल का पानी दिए गए समय में हर ग्रामीण घर तक पहुंचे।" 

विनी महाजन, सचिव डीडीडब्ल्यूएस, मुख्य सचिव, श्री अरुण बरोका, अपर सचिव, डीडीडब्ल्यूएस, एसीएस और राज्यों के प्रधान सचिव तथा डीडीडब्ल्यूएस, केंद्रीय मंत्रालयों, नीति आयोग, राज्य सरकारों के एक हजार से अधिक अधिकारियों और महत्वाकांक्षी जिलों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी-सीईओ / उपायुक्तों-डीसी ने ई-सम्मेलन में भाग लिया।

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खुले में शौच से मुक्ति
सम्मेलन के एजेंडे को निर्धारित करते हुए महाजन ने ग्रामीण घरों में नल के पानी की आपूर्ति और ओडीएफ यानी खुले में शौच से मुक्ति के बाद हर समय शौचालय का उपयोग सुनिश्चित करने में जिलों द्वारा की गई प्रगति की सराहना की। उन्होंने कहा, "चूंकि जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन दोनों समयबद्ध हैं, इसलिए नल का पानी और स्वच्छता सुविधा प्रदान करने के लिए 'कोई भी छूटा नहीं है' आदर्श वाक्य के साथ, मिशन मोड के कार्यक्रम के अंतर्गत यह महत्वपूर्ण है कि कार्यक्रम की दीर्घकालिक स्थिरता के लिए पानी और स्वच्छ शौचालय की उपलब्धता सभी के द्वारा लगातार प्रयास किए जाएं।''

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15 अगस्त, 2019 में शुरू हुआ था जल जीवन मिशन
अरुण बरोका, अपर सचिव, डीडीडब्ल्यूएस ने ओडीएफ प्लस में 117 आकांक्षी जिलों और नल से जल आपूर्ति प्रदान करने के प्रदर्शन की प्रस्तुत दी। 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन के शुभारंभ के समय आकांक्षी जिलों के 3.39 करोड़ घरों में से केवल 24 लाख घरों में नल का पानी था, लेकिन आज हम 1.34 करोड़ (39.53 प्रतिशत) घरों में नल का पानी उपलब्ध करा रहे हैं। तेलंगाना के तीन आकांक्षी जिलों और हरियाणा के 1 जिले ने 100 प्रतिशत कवरेज प्राप्त की है। आकांक्षी जिलों में 5,090 गांवों में ठोस कचरा और 3,663 गांवों में तरल कचरा प्रबंधन शुरू किया गया है।

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सबका साथ सबका विकास
जल जीवन मिशन का उद्देश्य 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' की तर्ज पर काम करते हुए, पीने योग्य नल के पानी की आपूर्ति की सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित बनाना है। 2019 में मिशन की शुरुआत में, देश के कुल 19.20 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) परिवारों के पास ही नल के पानी की आपूर्ति उपलब्ध थी। पिछले 28 महीनों के दौरान, कोविड -19 महामारी और लॉकडाउन व्यवधानों के बावजूद, जल जीवन मिशन को तेजी से लागू किया गया है और आज, 5.69 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। 

वर्तमान में देश भर में 8.93 करोड़ (46.34 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों में नल के पानी की आपूर्ति उपलब्ध है। गोवा, तेलंगाना, हरियाणा राज्यों और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और पुडुचेरी, दादरा और नगर हवेली और दमण तथा दीव के केंद्र शासित प्रदेशों के ग्रामीण क्षेत्रों में 100 प्रतिशत घरेलू नल कनेक्शन से जल की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। वर्तमान में 97 जिलों के प्रत्येक घर और 1.34 लाख से अधिक गांवों को अपने घरों में नल का पानी मिल रहा है। जल जीवन मिशन डैशबोर्ड को ttps://ejalshakti.gov.in/jjmreport/JJMIndia.aspx पर देखा जा सकता है।


 

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