
Kishtwar Cloudburst: उत्तराखंड के धराली हादसे के बाद अब जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में भयानक तबाही मच गई है। बृहस्पतिवार को किश्तवाड़ के चिशोती कस्बे में चार जगह बादल फटने से कम से कम 52 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में अधिकांश श्रद्धालु हैं, जो मचैल माता के दर्शन के लिए आए थे। इसके अलावा हादसे में सीआईएसएफ के दो जवान भी शहीद हुए हैं। इस घटना में 120 से अधिक लोग घायल हैं और करीब 200 लोग लापता बताए जा रहे हैं। कई लोग अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
तबाही के नौ दिन पहले ही उत्तराखंड के धराली में भीषण हादसा हुआ था। किश्तवाड़ में बचाव कार्य के लिए सेना, वायुसेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें लगातार जुटी हैं। अब तक 167 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जिनमें से 38 की हालत गंभीर है। खराब मौसम के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं।एडिशनल एसपी प्रदीप सिंह के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुलिस, एसडीआरएफ, अग्निशमन विभाग, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ और सेना सहित सभी केंद्रीय बल राहत और बचाव अभियान में लगे हुए हैं।
अब तक 45 मृतकों की आधिकारिक पुष्टि हुई है और 100 से अधिक घायलों को अस्पताल भेजा गया है। 8 से 10 मृतकों की पहचान हो चुकी है, जबकि बाकी की पहचान प्रक्रिया जारी है। स्थानीय लोग भी रेस्क्यू टीमों के साथ मिलकर राहत कार्य में सक्रिय रूप से हिस्सा ले रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ से मची तबाही की दर्दनाक कहानियां सामने आ रही हैं। एक बचाई गई महिला पीड़िता ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा, “जब बादल फटा तो जोरदार धमाका हुआ और हम हवा में उछल गए। मैं एक कार के नीचे फंस गई, जबकि मेरी मां बिजली के खंभे के नीचे दब गईं।” उन्होंने बताया कि हादसे के तुरंत बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की। सेना और सीआरपीएफ के जवान मौके पर पहुंचे और फंसे लोगों को बचाने का काम शुरू कर दिया।
यह भी पढ़ें: Cloud Burst in Chashoti: किश्तवाड़ में बादल फटा, अब तक 33 लोगों की मौत