अनुच्छेद 370 हटने के बाद लाखों करोड़ की परियोजनाओं ने बदली घाटी की सूरत, इन्हें देखकर बौखलाए आतंकी

इतनी बड़ी राशि से बिछ रहे सड़कों के जाल और रेलवे पुल, सुरंगों ने कश्मीर की सूरत बदल दी है। लेकिन आतंकी नहीं चाहते कि घाटी बदले। यहां के हालात बदलें, इसीलिए चुनावों की सुगबुगाहट होते ही कश्मीर को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 14, 2021 10:41 AM IST

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने घाटी के विकास पर फोकस ​बढ़ाया है। अभी यहां एक लाख करोड़ की योजनाएं चल रही हैं। 2022 में एक लाख करोड़ की और परियोजनाएं आनी हैं। इतनी बड़ी राशि से बिछ रहे सड़कों के जाल और रेलवे पुल, सुरंगों ने कश्मीर की सूरत बदल दी है। लेकिन आतंकी नहीं चाहते कि घाटी बदले। यहां के हालात बदलें, इसीलिए चुनावों की सुगबुगाहट होते ही कश्मीर को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। सोमवार को श्रीनगर के पास पुलिस बस पर हमले (Terrorist Attack) के बाद पूर्व डीजीपी एसपी वैद्य ने भी कहा था कि आतंकी अनुच्छेद 370 और 35ए हटने के बाद हुए बदलावों को काउंटर करने के लिए सक्रिय हुए हैं। जानें, ऐसी ही कुछ परियोजनाओं के बारे में, जो घाटी में चल रही हैं, या फिर पूरी हो चुकी हैं... 



जोजिला टनल :  11,578 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह टनल लेह और श्रीनगर को जोड़ेगी। 13.5 किमी लंबी यह सुरंग एशिया की सबसे लंबी सुरंग होगी। इसके साथ 18 किमी की एप्रोच रोड बनेगी, जो कि हर मौसम में लेह-श्रीनगर की कनेक्टिविटी चालू रखेगी। इससे 3.5 घंटे का सफर महज 15 मिनट में हो जाएगा। यह प्रोजेक्ट 2026 में पूरा होना था, लेकिन सरकार इसे दिसंबर 2023 तक पूरा करने पर फोकस कर रही है। 
 



चिनाब नदी पर रेल पुल : कश्मीर को कन्याकुमारी से जोड़ने के लिए रियासी चिनाब दरिया पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल बनकर तैयार है। इस रेलवे ब्रिज की लंबाई 321 मीटर है। नदी से इसकी ऊंचाई 359 मीटर है। ब्रिज में 17 स्पैन और मुख्य आर्क स्पैन 467 मीटर है। इसका निर्माण  कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Konkan Railway Corporation Limited) के द्वारा किया गया है। 

श्रीनगर- लेह हाईवे : जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर और लेह के बीच हाईवे चौड़ीकरण का काम भी होना है। पूरे हाईवे के किनारे ब्रेस्ट फीडिंग रूम, घाटी के फूलों की प्रजातियां लगाई जाएंगी। इसके साथ ही सड़क के किनारे दीवारों पर यहां की कला उकेरी जाएगी, जिससे पर्यटकों को जम्मू-कश्मीर की विरासत के बारे में जानकारी मिले। यह प्रोजेक्ट 2022 में शुरू हो सकता है।  



काजीगुंड टनल : जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर 8.5 किलोमीटर लंबी बनिहाल-काजीगुंड टनल बनकर तैयार हो चुकी है। इस टनल ने जम्मू-श्रीनगर हाईवे के 270 किलोमीटर लंबे फासले को 16 किलोमीटर कम कर दिया है। यह हर मौसम में यातायात चालू रखेगी। श्रीनगर से बनिहाल तक 1433 करोड़ की लागत से 65 किलोमीटर फोर लेन सड़क का निर्माण हो गया है। जम्मू से श्रीनगर को वैकल्पिक सड़क से जोड़ने के प्लान पर काम चल रहा है। इसपर 13 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।

यह प्रोजेक्ट भी चल रहे 
रेल लिंक परियोजना :
घाटी को रेल से जोड़ने वाली उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना पूरी होने वाली है। इस रूट पर 27 मुख्य सुरंगें हैं, ज‍िनकी कुल लंबाई 97.64 किमी है। मुख्य टनलिंग 88.5 किमी और निकास टनल 66.5 किमी की है। इस प्रोजेक्ट में टनल टी-80 की लंबाई 11.2 किमी है, जो कि देश के सबसे लंबी रेल टनल है। यह विशाल पीर पंजाल हिमालयी रेंज से गुजरती है, जो जम्मू-कश्मीर में बनिहाल और काजीगुंड शहरों को जोड़ती है। 

कटड़ा-बनिहाल के बीच 111 किमी लम्बे चौथे और अंतिम चरण का कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण है। इस लाइन पर 97 किलोमीटर मार्ग सुरंगों वाला है। इस रेल सेक्शन पर 7 रेलवे स्टेशन बनने हैं। 

जम्मू से अखनूर और पुंछ के बीच 5,200 करोड़ रुपए से विकास कार्य हो रहे हैं। श्रीनगर से शोपियां- 110 करोड़ के विकास कार्य हो रहे हैं। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में कुल 32 किमी की सुरंग और 20 किलोमीटर की सुरंग लद्दाख में बन रही हैं। 

जम्मू कश्मीर में हाईवे से जुड़े 17 प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इन पर काम जारी है। इनमें से 12 जम्मू संभाग में ही निर्माणाधीन हैं।

12 प्रोजेक्ट में से 6 ऊधमपुर-डोडा में हैं। इसके अलावा जम्मू संभाग में छत्रगलां टनल समेत कई सड़कों के बड़े प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना पर काम चल रहा है। 

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