आज ही के दिन भारत में विलय हुआ था कश्मीर, जानिए कैसे पाकिस्तान के विश्वासघात का सेना ने दिया था जवाब

26 अक्टूबर का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक और भौगोलिक तौर पर काफी अहम है। दरअसल, 15 अगस्त 1947 को देश आजाद होने के बाद 26 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर के राजा हरि सिंह ने कश्मीर विलय संधि पर हस्ताक्षर किए थे। आईए जानते हैं कि क्या हुआ था?

श्रीनगर. 26 अक्टूबर का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक और भौगोलिक तौर पर काफी अहम है। दरअसल, 15 अगस्त 1947 को देश आजाद होने के बाद 26 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर के राजा हरि सिंह ने कश्मीर विलय संधि पर हस्ताक्षर किए थे। आईए जानते हैं कि क्या हुआ था?

आजादी के बाद कश्मीर ने भारत और पाकिस्तान दोनों में विलय से इनकार कर दिया था। लेकिन पाकिस्तान की नजर हमेशा से कश्मीर पर थी। इसलिए पाकिस्तानी सेना के समर्थन से 24 अक्टूबर 1947 को हजारों कबायली पठानों ने कश्मीर में हमला कर दिया था। हरि सिंह की सेना ने कबायलियों से लड़ाई की। लेकिन दो दिन के बाद भी हरि सिंह की फौज पिछड़ने लगी। इसके बाद हरिसिंह ने भारत से मदद मांगी। 

Latest Videos

महिलाओं ने भी उठाए हथियार
उधर, श्रीनगर में पार्क और सार्वजनिक जगहों को खोल दिया गया। यहां महिलाओं को बंदूक चलाना और अन्य सैन्य प्रशिक्षण दिया गया। ये महिलाएं कश्मीर की महिला मिलिशिया की सदस्य थीं, ये पाकिस्तान के घुसपैठियों से लड़ाई के लिए तैयार की जा रही थीं। 

 


आखिरी सांस तक लड़ने का किया फैसला
कश्मीर के लोगों का संदेश साफ था कि वे पाकिस्तानी घुसपैठियों के सामने हार नहीं मानेंगे और अपनी आखिरी सांस तक लड़ेंगे। सिर्फ कश्मीर के पुरुष ही नहीं, बल्कि युवा भी पाकिस्तानी घुसपैठियों से लड़ाई के लिए तैयार थे।  


बारामूला में किया हमला
पाकिस्तानी कबायली ने बारामूला में हमला किया। यहां उन्होंने लोगों पर अत्याचार करना शुरू कर दिया। लड़कियों का अपहरण किया गया और स्थानीय लोगों पर हमला किया गया। इतना ही नहीं इलाके में लूटपाट भी की गई। 

 


स्थानीय निवासी अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर हो गए थे। उन्होंने छिप कर पहाड़ियों पर शरण ली। वहीं, सड़कें सुनसान थीं, वहां सिर्फ पाकिस्तानी कबायली ही नजर आते थे। चारों तरफ लाशें बिखरी पड़ी थीं। शहर में धुएं की मोदी चादर सी जम गई थी। यह धुआं जलती हुई दुकानों और घरों की दुर्दशा को बता रहा था।  

26 अक्टूबर युवा की गोली मारकर की हत्या
26 अक्टूबर को बारामूला में एक चौराहे पर कश्मीर के युवा मकबूल शेरवानी को पाकिस्तानी घुसपैठियों ने इसलिए गोली मार दी, क्योंकि वह देशभक्त था और उसने अत्याचारों और धमकियों के सामने झुकने से इनकार कर दिया था। 

अत्याचार देखते हुए हरि सिंह ने मांगी मदद
राज्य की जनता पर हो रहे अत्याचारों को देखते हुए महाराजा हरि सिंह ने भारत सरकार से मदद मांगी और विलय के दस्तावेजों पर वे हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हो गए। आखिर में 26 अक्टूबर को 1947 को जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन गया।   

 

भारतीय फौज ने पाकिस्तानियों को श्रीनगर में घुसने से रोक दिया। वहीं, कबाइलियों से निपटने के लिए 27 अक्टूबर को तड़के भारतीय सेना कश्मीर की ओर बढ़ी। हालांकि, भारत की ओर से यह कार्रवाई विलय संधि पर साइन के बाद ही शुरू की गई। भारतीय सेना ने जम्मू कश्मीर पहुंचकर हमलावर पड़ोसी की सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इस लड़ाई में कश्मीर का कुछ हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में चला गया।

Share this article
click me!

Latest Videos

उज्जैन में हरि-हर मिलन: शिव बोले विष्णु से ‘संभालो अपनी सृष्टि-मैं चला श्मशान’
Dev Diwali 2024: देव दिवाली आज, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और सबसे खास उपाय
पनवेल में ISKCON में हुआ ऐसा स्वागत, खुद को रोक नहीं पाए PM Modi
Dehradun Car Accident CCTV Video: हादसे से पहले कैमरे में कैद हुई इनोवा | ONGC Chowk
'मुझे लव लेटर दिया... वाह मेरी महबूबा' ओवैसी का भाषण सुन छूटी हंसी #Shorts