'हर घर तिरंगा' अभियान पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूख अब्दुल्ला का शर्मनाक जवाब, भड़क गए यूजर्स

भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। देशवासियों में देशभक्ति की भावना जागृत करने और तिरंगा के संबंध में जानकारियां देने के उद्देश्य से भारत सरकार ने हर घर तिरंगा अभियान शुरू किया है। यह अभियान अगस्त माह में चलाया जाएगा। 
 

Dheerendra Gopal | Published : Jul 6, 2022 12:18 PM IST / Updated: Jul 06 2022, 06:06 PM IST

श्रीनगर। 'हर घर तिरंगा अभियान' (Har Ghar Tiranga) पर जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कांफ्रेंस के मुखिया फारूख अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने विवादित बयान देकर हमला बोला है। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) के प्रचार संबंधित जानकारी देने के दौरान फारूख अब्दुल्ला से जब हर घर तिरंगा अभियान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पत्रकार को ही उल्टा जवाब दे दिया। 

तिरंगा को लेकर क्या कहा फारूख अब्दुल्ला ने?

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हर घर तिरंगा अभियान के तहत अगस्त माह में अभियान चलाया जाना है। जम्मू-कश्मीर में भी इस अभियान को लेकर तैयारियां हो रही हैं। बुधवार को एक पत्रकार ने फारूख अब्दुल्ला से सवाल किया कि हर घर तिरंगा अभियान पर आपकी क्या राय है। इस पर पूर्व सीएम अब्दुल्ला ने सीधे कहा कि उसे आप अपने घर पर रखें। 

 

सोशल मीडिया पर हो रही आलोचना

पूर्व मुख्यमंत्री के बयान को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है। ट्वीटर पर यूजर्स तरह तरह के कमेंट कर रहे हैं। आदित्यराज कौल ने लिखा है कि यह किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा भारतीय तिरंगे के प्रति दिखाए गए अहंकार और अपमानजनक रवैये का स्तर है, जिसे भारतीय संविधान द्वारा आज बनाया गया है। नवीन कपूर ने लिखा है...शर्मनाक।

क्या है हर घर तिरंगा अभियान? कब से कबतक चलेगा अभियान?

देशवासियों में देशभक्ति की भावना जागृत करने के उद्देश्य से भारत के प्रत्येक जिले में हर घर तिरंगा अभियान चलाया जाएगा।'हर घर तिरंगा' अभियान से देशवासियों में राष्ट्रीय ध्वज के बारे में जागरूकता और देशभक्ति की भावना जागृत हो सके। भारत सरकार के आदेशानुसार प्रत्येक जिले में 11 से 17 अगस्त तक 'हर घर तिरंगा' अभियान चलाया जाएगा। आजादी का अमृत महोत्सव देशभर में मनाया जा रहा है। अभियान के तहत राष्ट्रीय पर्व पर लोग तिरंगा खरीदकर उसे फहरा सकेंगे।

राष्ट्रीय ध्वज संहिता 2002 में हुआ संशोधन

भारत सरकार ने भारतीय ध्वज संहिता 2002 में बीते साल संशोधन किया था। 2021 में हुए इस संशोधन के तहत अब राष्ट्रीय ध्वज हाथ से बुने एवं काते हुए कपड़े के साथ ही मशीन द्वारा सूती, पालिस्टर, ऊनी, रेशमी, खादी के कपड़ों से भी बनाया जा सकता है। 

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