पिछले चार दिनों में दिल दहला देने वाली चार आतंकी घटनाओं के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाई लेवल मीटिंग कर एंटी-टेररिस्ट स्क्वायड को और अधिक सक्रिय करने का निर्देश दिया है।
Jammu Kashmir terrorist attack: जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में लगातार हो रहे इजाफा से चिंतित केंद्र सरकार ने निर्णायक कदम उठाने का फैसला किया है। पिछले चार दिनों में दिल दहला देने वाली चार आतंकी घटनाओं के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाई लेवल मीटिंग कर एंटी-टेररिस्ट स्क्वायड को और अधिक सक्रिय करने का निर्देश दिया है। पीएम की मीटिंग में देश के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद रहे।
पीएम मोदी ने हाईलेवल मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह, अजीत डोभाल सहित अन्य शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में पूरी ब्रीफिंग ली। मीटिंग के बाद उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) और अन्य शीर्ष अधिकारियों को देश की आतंकवाद-रोधी क्षमताओं को पूरी तरह से सक्रिय करने का निर्देश दिया। इसके बाद उन्होंने अमित शाह और लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा से भी रणनीति तौर पर बातचीत कर आगे कदम उठाए जाने पर विमर्श किया। उन्होंने कहा कि एंटी-टेरिरिस्ट ऑपरेशन ही एकमात्र रास्ता फौरी तौर पर आतंकवाद को खत्म करने के लिए कारगर है।
तीर्थयात्रियों की बस पर 9 जून को अटैक
आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में तीर्थयात्रियों से भरी एक बस पर हमला बोल दिया। बस पर फायरिंग के दौरान ड्राइवर अपना नियंत्रण खो बैठा जिससे बस खाई में जा गिरी। इस आतंकी हमले में तीन महिलाओं सहित 09 लोगों की हत्या हुई थी। 33 लोग घायल हुए थे। हमला, उस समय हुआ जब पीएम नरेंद्र मोदी तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेने जा रहे थे।
इसके बाद दूसरा हमला मंगलवार की रात में जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में हुआ। पुलिस और सुरक्षा बलों की संयुक्त चौकी पर आतंकवादियों ने हमला बोल दिया। दोनों तरफ से गोलीबारी हुई। इसमें सेना के पांच जवान और एक पुलिस अधिकारी घायल हो गए। यह हमला कठुआ जिले के सरथल इलाके की सीमा से लगे चत्तरगला इलाके में सेना के अड्डे पर पुलिस और राष्ट्रीय राइफल्स की एक संयुक्त चौकी पर हुआ। आतंकवादियों ने गोलीबारी करने केसाथ हैंडग्रेनेड भी फेंका। जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े कश्मीर टाइगर्स ने इस हमले की जिम्मेदारी ली।
इसी तरह केंद्र शासित राज्य के कठुआ जिले में आतंकवादियों के साथ हुए एनकाउंटर में सीआरपीएफ के एक जवान की मौत हो गई। इस एनकाउंटर में दो आतंकवादी भी मारे गए। दरअसल, सर्च ऑपरेशन के दौरान एक स्थानीय व्यक्ति ने संदिग्ध हरकतों पर शोर मचाया। इसके बाद आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद वह एक घर में जाकर छिप गए। फिर सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खिलाफ मोर्चा संभाला।
यह भी पढ़ें:
नेहरू भारत के पांच बार प्रधानमंत्री रहे, तीसरी बार शपथ लेने वाले नरेंद्र मोदी ने नहीं की बराबरी