कुपवाड़ा में घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दो आतंकवादी मारे गए हैं। केंद्र शासित राज्य में आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए सेना लगातार एंटी-टेररिस्ट ऑपरेशन चला रही हैं। 2005 में आतंकवाद मुक्त हुआ डोडा क्षेत्र भी आतंकवाद के चपेट में आ गया है।
Kupwara terrorists killed: जम्मू-कश्मीर में आतंकी वारदातों को लगातार अंजाम देने में लगे आतंकियों पर सेना ने सबक सिखाना भी शुरू कर दिया है। गुरुवार को केंद्र शासित राज्य में घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकवादियों को सेना ने मार गिराया है। मारे गए आतंकवादी कुपवाड़ा में केरन सेक्टर में सीमापार से घुसपैठ कर रहे थे। सेना आतंकियों को घुसपैठ करने की कोशिश को नाकाम करने के लिए लगातार अभियान चला रही है।
कम नहीं हो रही है आतंकवादियों की दुस्साहस
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की दुस्साहस कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आतंकवादी लगातार वारदात को अंजाम देने में लगे हुए हैं। गुरुवार 18 जुलाई को दिन में आतंकवादियों के साथ हुए सुरक्षा बलों के मुठभेड़ में सेना के दो जवान घायल हो गए हैं। डोडा में ही दो दिन पहले 5 जवान आतंकियों के साथ हुए एनकाउंटर में मारे गए थे। गुरुवार को हुए एनकाउंटर के बारे में अधिकारियों ने बताया कि जद्दन बाटा गांव में सुबह करीब 2 बजे एक घंटे से अधिक समय तक गोलीबारी हुई। यह गोलीबारी तक शुरू हुई जब आतंकवादियों ने एक सरकारी स्कूल में बनाए गए अस्थायी सुरक्षा शिविर पर हमला किया। घायल जवान को हेलीकॉप्टर से उधमपुर कमांड अस्पताल पहुंचाया गया।
जम्मू के डिफेंस पीआरओ ने बताया कि वायु सेना स्टेशन उधमपुर से एएलएच द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई ने डोडा (जम्मू-कश्मीर) में गंभीर रूप से घायल एक सैनिक की जान बचाई। चुनौतीपूर्ण मौसम के बावजूद जवान को अस्पताल तक लाया गया और डॉक्टर्स ने बेस्ट देते हुए उसकी जान बचा ली।
2005 में आतंकवाद मुक्त हो गया था डोडा जिला
डोडा 2005 में आतंकवाद से मुक्त हो गया था। लेकिन इस साल 12 जून से डोडा में लगातार आतंकी हमले हो रहे हैं। 12 जून को चत्तरगला दर्रे पर हुए हमले में छह सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे। इसके बाद अगले दिन गंडोह में भीषण गोलीबारी हुई जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। 26 जून को गंडोह में एक दिन के ऑपरेशन में तीन आतंकवादी मारे गए जबकि 9 जुलाई को घाडी भगवा जंगल में एक और मुठभेड़ हुई। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के जम्मू क्षेत्र में इस साल एक दर्जन से अधिक आतंकवादी हमले हो चुके हैं। इन हमलों में सिक्योरिटी फोर्सस के 11 जवान मारे जा चुके हैं। 11 नागरिकों की भी जान गई है। जबकि केवल पांच आतंकवादी मारे गए हैं। मौतों के इन आंकड़ों में 9 जून को रियासी में शिव खोरी मंदिर से लौट रहे सात तीर्थयात्री भी शामिल हैं।
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