Jammu Kashmir statehood: जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर नेशनल कांफ्रेंस के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने बड़ा दांव चला है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने इशारा किया है कि राज्य का दर्जा पाने के लिए बीजेपी के लिए भी उनके दरवाजे खुले हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमारी सरकार का हिस्सा नहीं है और वह बाहर से समर्थन दे रही है। हम जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए पूरी कोशिशें कर रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा: पहले दिन से ही हम जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाने की कोशिश कर रहे हैं...कुछ चीजें हैं जो लोग चाहते हैं और हम उन्हें पूरा नहीं कर सकते क्योंकि यह एक केंद्र शासित प्रदेश है। महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रस्ताव को खारिज नहीं किया गया। इसे पारित किया गया। एक दरवाजा खोला गया है। कांग्रेस हमारी सरकार का हिस्सा नहीं है, वे हमें बाहर से समर्थन दे रहे हैं। हमारी सरकार ने यह प्रस्ताव लाया है और भाजपा के अलावा, कांग्रेस सहित अधिकांश विधायकों ने इसे पारित किया है। भाजपा ने कांग्रेस को निशाना बनाया, फिर कांग्रेस असहाय हो गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें इसे थोड़ा कमजोर करना पड़ा लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
उमर अब्दुल्लाह कैबिनेट में पूर्ण राज्य की संस्तुति के बाद उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके बाद अब केंद्र सरकार को इस पर निर्णय लेना है। अगर केंद्र सरकार पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए सहमत होती है तो वह जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में बदलाव की प्रक्रिया शुरू करेगी। इसी के तहत उसे केंद्र शासित राज्य बनाया गया था। पूर्ण राज्य के दर्जे के लिए संसद में एक कानून पारित कर पुनर्गठन अधिनियम में बदलाव करना होगा। यह बदलाव संविधान की धारा 3 और 4 के तहत होंगे। पूर्ण राज्य का दर्जा के लिए केंद्र को संसद के दोनों सदनों में प्रस्ताव पास कराना होगा। मंजूरी के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाएगा।
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