पाकिस्तानी सेना ने कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए शुक्रवार को भारी गोलाबारी की थी। इसमें तीन जवान और दो लड़कियां घायल हो गई थीं। शुक्रवार की रात दो जवानों ने दम तोड़ दिया। वहीं, एक अन्य जवान और दो लड़कियों का इलाज जारी है।
श्रीनगर. दुनिया कोरोना के संक्रमण से जूझ रही है। वहीं, पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रही है। पाकिस्तानी सेना ने कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए शुक्रवार को भारी गोलाबारी की थी। इसमें तीन जवान और दो लड़कियां घायल हो गई थीं। इनमें से दो जवान ने इलाज के दौरान शुक्रवार देर रात दम तोड़ दिया। इलाज के दौरान घायल हवलदार गोकर्ण सिंह और नायक शंकर एस पी शहीद हो गएं।
घायल लड़कियों का जारी है इलाज
पाकिस्तान द्वारा किए गए फायरिंग में घायल लड़कियों की पहचान शनाजा बानो और थाईरा बानो के रूप में हुई है। इनका भी इलाज जारी है और इनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी सैनिकों ने शुक्रवार दोपहर 3.30 बजे बारामूला के रामपुर इलाके में गोलीबारी के साथ मोर्टार दागे और अग्रिम चौकियों और असैन्य इलाकों को निशाना बनाया था। भारतीय सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की और यह गोलाबारी एक घंटे से ज्यादा वक्त तक चली।
दहशत का माहौल
पुलिस का कहना है कि नागरिक इलाकों में पाकिस्तान की ओर से की गई फायरिंग से लोग दशहत में आ गए है। पाकिस्तान की ओर से हुई फायरिंग में चरुंडा, बटग्रान, हथलंगा, मोथल, सहूरा, सिलिकोट, बालाकोट, नाम्बला और गरकोट जैसे गांव चपेट में आए हैं।
पाकिस्तान लगातार गोलीबारी कर रहा
पाकिस्तान उत्तर कश्मीर में लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है। 27 अप्रैल को उरी सेक्टर में गोलीबारी की थी। हालांकि, इस दौरान भारत को किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ था। इसके पहले, कुपवाड़ा में 12 अप्रैल को पाकिस्तान ने गोलीबारी की थी। तब तीन आम नागरिक मारे गए थे। इनमें एक महिला और एक बच्चा शामिल था।
उरी शहर तक दिखा फायरिंग का असर
पाकिस्तान की ओर से की गई फायरिंग का असर उरी शहर तक दिखा और छर्रे और शेल एसडीएम ऑफिस तक देखे गए। उरी के एसडीएम रियाज अहमद मलिक ने भी फायरिंग में घायलों की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि तीन लोगों की हालत गंभीर है और उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जनवरी-फरवरी में 646 बार पाक ने तोड़ा सीजफायर
सेना के सूत्रों के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर और एलओसी पर इस साल एक जनवरी से 23 फरवरी तक पाकिस्तान की तरफ से 646 संघर्ष विराम के उल्लंघन की घटनाएं हुईं। वहीं, 2019 में इनकी संख्या 3,200 थी।