मौत को गले लगाता जम्मू-कश्मीर का युवा: आतंकी प्रशिक्षण के 12 महीने के भीतर 64 प्रतिशत मारे जा रहे

Jammu Kashmir Youths joining Terrorists अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से घाटी में घुसपैठ की कोशिश के दौरान 47 मुठभेड़ों में मारे गए 90 आतंकवादियों में से छह को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर मार गिराया गया। इस साल जनवरी से अब तक के 52 आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया है और 18 अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया है।

Dheerendra Gopal | Published : Jul 3, 2022 11:29 AM IST

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठनों से जुड़ने वाले युवाओं में अधिकतर एक साल के भीतर जान गंवा दे रहे हैं। आतंकी संगठनों के झांसे में आकर जीवन की राह में भटके ये युवा अपना पूरा जीवन जीने की बजाय आतंकी बनने के एक साल के भीतर मारे जा रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो आतंकी बनने के एक साल के भीतर करीब 64 प्रतिशत युवा आतंकी मार दिए जा रहे। 

तेज हुआ आतंक पर लगाम कसने का अभियान

अधिकारियों ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी रैंकों में शामिल होने वाले युवाओं की अल्प शेल्फ लाइफ होती है, जिनमें से 64 प्रतिशत से अधिक सुरक्षा बलों द्वारा एक साल के भीतर मारे जाते हैं। उन्होंने कहा कि एक मजबूत ऑन-ग्राउंड इंटेलिजेंस नेटवर्क की सहायता से सुरक्षा बलों ने इस साल के पहले पांच महीनों में आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज कर दिया है। हालांकि, दक्षिण कश्मीर में लगातार हिंसा चिंता का कारण बनी हुई है।

इस साल 1 जनवरी से 31 मई के बीच निष्प्रभावी किए गए आतंकवादियों के आंकड़ों का हवाला देते हुए अधिकारियों ने कहा कि एक साल के भीतर 64.1 प्रतिशत नए आतंकी रंगरूटों को खत्म कर दिया गया। 26.6 प्रतिशत नए रंगरूट जो आतंकवादी भर्ती में शामिल हुए 12 महीने से अधिक समय तक जीवित रहे हैं, जबकि उनमें से 9.3 प्रतिशत के बारे में पता नहीं चल सका है कि जीवित हैं या सक्रिय हैं।

54.7 प्रतिशत छह महीने के भीतर मारे गए

अधिकारियों ने कहा कि 28.1 प्रतिशत आतंकवादी एक महीने के भीतर मारे गए जबकि 54.7 प्रतिशत छह महीने के भीतर और 59.4 प्रतिशत नौ महीने के भीतर मारे गए। अधिकारियों ने कहा कि इस साल के पहले पांच महीनों में 70 से 75 युवा कश्मीर घाटी में विभिन्न आतंकी समूहों में शामिल हुए हैं। पिछले साल का यह आंकड़ा बराबर के करीब था। उन्होंने कहा कि दक्षिण कश्मीर घाटी में आतंकवाद का अड्डा बना हुआ है।

पांच महीने में मारे गए कितने आतंकी?

इस साल के पहले पांच महीनों में इस क्षेत्र में सुरक्षा बलों द्वारा 59 आतंकवादी मारे गए, जबकि मध्य और उत्तरी कश्मीर में 31 आतंकवादियों को मार गिराया गया है। जनवरी और मई के बीच घाटी में मारे गए कुल 90 आतंकवादियों में से 26 पाकिस्तानी नागरिक थे और यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में बहुत अधिक है जब 100 आतंकवाद विरोधी अभियानों में 20 विदेशियों सहित 182 आतंकवादी मारे गए थे। अधिकारियों ने कहा कि इस अवधि के दौरान 45 आतंकवादियों को हथियारों और गोला-बारूद के विशाल जखीरे के साथ गिरफ्तार किया गया था। 

अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से घाटी में घुसपैठ की कोशिश के दौरान 47 मुठभेड़ों में मारे गए 90 आतंकवादियों में से छह को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर मार गिराया गया। इस साल जनवरी से अब तक के 52 आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया है और 18 अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया है।

पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (JeM) चार्ट में दूसरे स्थान पर था, जिसमें उसके 20 आतंकवादी मारे गए और चार अन्य गिरफ्तार किए गए, उसके बाद हिजबुल मुजाहिदीन (11 मृत और एक गिरफ्तार) और अल-बद्र (चार मृत और तीन गिरफ्तार)। अधिकारियों ने कहा कि मारे गए तीन शेष आतंकवादियों की पहचान नहीं हो सकी है।
अधिकारियों ने कहा कि दक्षिण कश्मीर के चार जिलों - पुलवामा, अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां में 59 आतंकवादियों के मारे जाने और 10 अन्य की गिरफ्तारी दर्ज की गई, जबकि ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में चार पाकिस्तानी आतंकवादियों सहित 11 आतंकवादियों को मार गिराया गया जबकि चार गिरफ्तार हुए।
पुलवामा जिले में सात विदेशियों सहित सबसे अधिक 27 अधिकारियों को मार गिराया गया। इसके बाद अनंतनाग (12), कुलगाम (11) और शोपियां (नौ) का स्थान है। अधिकारियों ने बताया कि कुलगाम में मारे गए 11 आतंकवादियों में पांच विदेशी आतंकवादी थे।
अधिकारियों ने कहा कि मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में सात आतंकवादी मारे गए और आठ अन्य को गिरफ्तार किया गया, जबकि गांदरबल जिला, जो मध्य कश्मीर में भी आता है, में आतंकवादी गतिविधियों की सबसे कम घटनाएं देखी गईं, जिसमें केवल एक आतंकवादी को मुठभेड़ में मार गिराया गया।
उत्तरी कश्मीर में, जिसका उपयोग आतंकवादियों द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से घाटी में घुसपैठ के लिए प्रवेश द्वार के रूप में किया जा रहा है, अधिकारियों ने कहा कि 10 विदेशियों सहित कुल 12 आतंकवादी मारे गए और 23 अन्य को गिरफ्तार किया गया।
इनमें से सीमावर्ती जिलों कुपवाड़ा में पांच विदेशियों सहित छह आतंकवादी, बारामूला में तीन विदेशी और बांदीपोरा में दो विदेशियों सहित तीन अन्य मारे गए। उन्होंने बताया कि बारामूला जिले से 18 और बांदीपोरा जिले से पांच अन्य को भी गिरफ्तार किया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि पांच महीने की अवधि के दौरान घाटी भर से आतंकवादियों द्वारा शुरू की गई कुल 61 घटनाएं हुईं और उनमें से आधी पुलवामा और श्रीनगर जिलों से सामने आईं।
 

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