जोजिला टनल 50% पूरी ; ऑस्ट्रियन तकनीक और स्नो ब्लोअर जैसी आधुनिक मशीनों से माइनस 40 डिग्री में भी चला काम

श्रीनगर से लद्दाख को जोड़ने वाली जोजिला टनल (Zojila Tunnel) का काम 50 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। 2026 में इस प्रोजेक्ट को पूरा होना है, लेकिन केंद्र सरकार चाहती है कि 2024 के आम चुनावों से पहले यह प्रोजेक्ट पूरा हो। इसके निर्माण में लगी कंपनी भी सरकार की मंशा के अनुरूप काम कर रही है। इसीलिए इस पूरे सर्दी के मौसम में माइनस 40 डिग्री तापमान में भी टनल का काम जारी रहा। 

Vikash Shukla | Published : Mar 28, 2022 8:11 AM IST / Updated: Mar 28 2022, 01:57 PM IST

नेशनल डेस्क। लद्दाख और श्रीनगर के बीच बारहों महीने कनेक्टिविटी चालू रखने के उद्देश्य से बनाई जा रही जोजिला टनल (Zojila Tunnel) का 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है। सर्दियों में माइनस 40 डिग्री तापमान में भी काम चलता रहा। इसका नतीजा ये रहा कि पूर्वी और पश्चिमी छोर दोनों तरफ से 1314 और 1074 मीटर का काम पूरा हो गया है। सामरिक दृष्टि से यह टनल भारतीय सेना (Indian army) के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि सर्दियों के मौसम में बर्फबारी (Snow fall) के चलते लद्दाख (Ladakh) का रास्ता पूरी तरह से बंद हो जाता है। टनल बनने के बाद कश्मीर और कारगिल (Kashmir to kargil) के बीच साल भर सेना के वाहनों की आवाजाही हो सकेगी। 

इस साल कश्मीर में हुई सबसे ज्यादा बर्फबारी
चूंकि यह भारी बर्फबारी वाला क्षेत्र है, इसलिए यहां लगभग छह महीने बर्फ जमी रहती है। लेकिन इस सर्दी के मौसम में भी जोजिला टनल का काम जारी रही। माइनस 40 डिग्री के तापमान में आधुनिक मशीनों से टनल के अंदर काम चलता रहा। इसके निर्माण कार्य में लगी कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) के प्रोजेक्ट हेड हरपाल सिंह ने बताया कि काम को मौसम के अनुरूप कई भागों में बांट दिया। टनल के निर्माण में न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड, बर्फ हटाने के लिए स्नो ब्लोअर जैसी आधुनिक मशीनों का उपयोग किया जा रहा हैै। स्नो ब्लोअर से उस जगह बर्फ को हटाया गया, जहां काम जारी रखना था। कश्मीर में इस बार इतनी बर्फबारी हुई कि बर्फ हटाने के बाद हर आधे घंटे में उतनी ही मोटी चादर बिछ जाती थी। लेकिन कंपनी के कर्मचारी काम में लगे रहे और आज 50 फीसदी निर्माण कार्य पूरा कर लिया। 

बर्फीले तूफानों में भी नहीं रुका काम 
हरपाल बताते हैं कि जमा देने वाली सर्दी में और चुनौतीपूर्ण वातावरण के बावजूद निर्माण का काम एक भी दिन नहीं रुका। यहां तक कि बर्फीले तूफानों में भी काम जारी रहा। इस प्रोजेक्ट में टनल, टनल अप्रोच रोड, हाईवे, शॉफ्ट और पुलों का निर्माण किया जाना है। पिछले दिनों संसद में सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस टनल के निर्माण में लगी कंपनी मेघा इंजीनियरिंग लिमिटेड की तारीफ की थी। उन्होंने बताया था कि इस कंपनी को काम देने से सरकार के 5 हजार करोड़ रुपए बचे हैं। सितंबर 2021 में गडकरी इन टनल का कार्य देखने पहुंचे थे। इस प्रोजेक्ट की समय सीमा 2026 है, लेकिन सरकार चाहती है कि 2024 के चुनावों से पहले इसका उद्घाटन हो जाए। 

क्या है जोजिला टनल प्रोजेक्ट
MEIL इस प्रोजेक्ट के तहत 18 किमी लंबी सुरंग बना रही है। इसके अलावा 17 किलोमीटर लंबी सड़क, तीन वर्टिकल शाफ्ट, चार पुल और इससे संबंधित अन्य काम कंपनी कर रही है। पहली नीलग्रार टनल की लंबाई 468 मीटर है और यह समानांतर ट्यूब टेनल के रूप में बन रही है। नीलग्रार टनल-2 की लंबाई 1,978 मीटर है और यह भी समानांतर ट्यूब टनल है। तीसरी जोजिला टनल सबसे महत्वपूर्ण भाग है। इसकी लंबाई 13 किलोमीटर है। यह सुरंग के पश्चिम की तरफ बालटाल से शुरू होती है और पूर्व की तरफ द्रास के करीब समाप्त होती है। इस पूरे रास्ते पर नदियों को पार करने के लिए 4 पुलों का निर्माण किया जा रहा है। इनकी लंबाई 815 मीटर है। 

2 हजार लोग कर रहे काम, 1,268 मशीनें लगीं
श्रीनगर की जोजिला टनल के निर्माण में 1,268 अत्याधुनिक मशीनें लगी हैं। इस प्रोजेक्ट में 2 हजार लोग काम कर रहे हैं, जिनमें से ज्यादातर कश्मीरियों को रोजगार देने की कोशिश की जा रही है। जोजिला टनल बनने से जम्मू और कश्मीर और लद्धाख के बीच सफर तो आसान होगा ही, साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप होने से राज्य का विकास भी होगा। इस प्रोजेक्ट के बाद यहां पर्यटन पर फोकस किया जाएगा।  

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