सार
केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का असर सुबह से दिखने लगा। पश्चिम बंगाल में ऑटो तक थम गए तो केरल में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर कुछ भी नहीं खुला। देश के कई राज्यों में ऐसी ही तस्वीर नजर आई। इस हड़ताल का बैंकिंग सेक्टर में ज्यादा असर पड़ने की संभावना है।
नई दिल्ली। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (Central Trade Unions) के 28 और 29 मार्च के भारत बंद (Bharat Bandh) का असर आज देश भर में सुबह से ही नजर आया। ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध और अपनी मांगोंं के लिए इस बंद का आयोजन किया है। केरल और पश्चिम बंगाल में इस हड़ताल का जबरदस्त असर दिखा। पश्चिम बंगाल में वामदलों ने कई रेलवे ट्रैक ब्लॉक कर दिए। आज होन वाले इस बंद का सबसे बड़ा असर बैंकिंग सेक्टर पर पड़ेगा। इसके अलावा अन्य सेक्टरों में भी बंद का असर दिखने की संभावना है। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने इस बंद को समर्थन दिया है।
कई राज्यों में सुबह से ही बंद का असर दिखने लगा।
पश्चिम बंगाल में सुबह से इस भारत बंद का असर दिखा। कोलकाता के जादवपुर में ऑटो रिक्शा तक खड़े रहे। सड़कों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। यहां वाम मोर्चे के सदस्य कोलकाता के जादवपुर रेलवे स्टेशन पर इकट्ठा हुए और रेलवे ट्रैक ब्लॉक कर दिया। इससे कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ। वाम मोर्चे के सदस्य रेलवे स्टेशनों में ट्रेनों पर चढ़ गए और इनमें पार्टी का झंडा लगा दिया।
केरल में सिर्फ आपातकालीन सेवाएं चालू
केरल के तिरुवनंतपुरम में भी ट्रेड यूनियन की हड़ताल का असर दिखा। सरकारी नीतियों के विरोध में विभिन्न ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के चलते सड़कों पर सुबह से सन्नाटा रहा। सिर्फ आपातकालीन सेवाओं को यहां पर हड़ताल से बाहर रखा गया है। बस अड्डों पर कोई नजर नहीं आया।
संसद में गांधी प्रतिमा पर प्रदर्शन
नई दिल्ली में संसद भवन में भी भारत बंद का असर दिखा। यहां वामपंथी और द्रमुक सांसदों ने दो दिवसीय 'भारत बंद' को लेकर गांधी प्रतिमा पर विरोध प्रदर्शन किया। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के इस भारत बंद को वामपंथी मोर्चा और द्रमुक ने समर्थन दिया है। भाकपा सांसद बिनॉय विश्वम ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत केंद्र सरकार की निगमीकरण और निजीकरण नीतियों के विरोध में देश भर के श्रमिकों द्वारा बुलाई गई दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल को लेकर राज्यसभा में निलंबन नोटिस दिया है।
20 करोड़ से अधिक कार्यकर्ता होंगे शामिल
ऑल इंडियन ट्रेड यूनियन कांग्रेस की महासचिव अमरजीत कौर का कहना है कि इस हड़ताल में 20 करोड़ से अधिक कार्यकर्ता शामिल होंगे। बैंकों ने भी इस हड़ताल को समर्थन दिया है। बैंक यूनियन बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021 का विरोध कर रहे हैं। हड़ताल का असर सबसे अधिक बैंकिंग सेक्टर पर पड़ने की उम्मीद है। एसबीआई समेत कई बैंकों ने अपने ग्राहकों को इस संबंध में पहले ही सूचना दे दी है। उधर, सरकार ने हड़ताल के दौरान अस्पतालों, रक्षा और रेलवे जैसी आवश्यक सेवाओं को चालू रखने के निर्देश दिए हैं। आपात स्थिति के लिए चौबीसों घंटे कंट्रोल रूम चालू रहेंगे।