Jan Ki Baat Asianet News Survey 2023: जानें कर्नाटक विधानसभा चुनाव में BJP, कांग्रेस और JDS को मिल रहा कितना वोट पर्सेंटेज

Published : Apr 14, 2023, 08:57 PM ISTUpdated : Apr 14, 2023, 09:04 PM IST
Jan Ki Baat Asianet News Survey 2023

सार

ओपिनियन पोल जन की बात (Jan ki baat) के अनुसार कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 40-38 फीसदी वोट मिल सकते हैं। वहीं, बीजेपी को 37-39 फीसदी वोट मिल सकते हैं। 

बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव (karnataka assembly election 2023) के लिए किए गए ओपिनियन पोल जन की बात (Jan ki baat) से पता चला है कि कांग्रेस के लिए 2023 का चुनाव परिणाम 2018 जैसा रह सकता है। कांग्रेस को बीजेपी से अधिक वोट शेयर लाकर भी कम सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है।

ओपिनियन पोल के अनुसार कांग्रेस को 40-38 फीसदी वोट मिल सकते हैं। वहीं, बीजेपी को 37-39 फीसदी वोट मिल सकते हैं। JDS को 18-16 फीसदी वोट मिल सकते हैं। सर्वे 15 मार्च से 11 अप्रैल तक किया गया। जन की बात एक ऐसा प्रिडिक्शन मॉडल है जो राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणामों की सटीक भविष्यवाणी करता है। यह सर्वे रैंडम सैंपलिंग पर आधारित है। इस सर्वे ने 2018 के कर्नाटक चुनाव, 2019 के लोकसभा चुनाव समेत कुल 36 चुनावों की सटीक भविष्यवाणी की है।

इस बार जन की बात के ओपिनियन पोल में डाटा और फील्ड एक्सपर्ट्स ने कर्नाटक के सभी 6 रीजन को खंगाला है। ये सर्वे किया जा रहा था तब बहुत सी पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं किए थे। प्रत्याशियों के नाम घाोषित होने के बाद Jan ki Baat सर्वे का दूसरा राउंड शुरू किया जाएगा।

2018 के चुनाव में कांग्रेस को मिले थे
2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर बीजेपी की तुलना में अधिक था। बीजेपी को 36.5 फीसदी और कांग्रेस को 38 फीसदी वोट मिले थे। JDS को 18 फीसदी वोट मिले थे। 2018 के चुनाव में बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और JDS को 37 सीटें मिली थीं।

यह भी पढ़ें- Jan Ki Baat Asianet News Survey 2023: जानें कर्नाटक विधानसभा के 6 जोन- 224 सीटों का गणित, BJP-कांग्रेस और JDS में किसको मिल रही कितनी सीटें

2018 में किसी दल को नहीं मिला था स्पष्ट बहुमत
2018 के चुनाव में भी किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। राज्यपाल ने भाजपा को सरकार बनाने का निमंत्रण दिया था, लेकिन बीएस येदियुरप्पा बहुमत साबित नहीं कर पाए थे। इसके बाद जेडीएस और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई थी। सीएम JDS नेता कुमारस्वामी बने थे, लेकिन 14 महीने बाद ही उनकी सरकार गिर गई थी। कांग्रेस में बगावत के चलते भाजपा को एक बार फिर सत्ता में आने का मौका मिल गया था।

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