1984 में जन्माष्टमी पर नरेंद्र मोदी ने किया था कमाल, जानें कैसे रोका दंगा

1984 में गुजरात के साबरकांठा जिले में जब दंगे भड़क रहे थे, तब नरेंद्र मोदी ने जन्माष्टमी के अवसर पर एक अनोखी पहल की। उन्होंने समाज को एकजुट करने के लिए भव्य जन्माष्टमी जुलूस का आयोजन किया, जिससे सांप्रदायिक तनाव कम हुआ और शांति बहाल हुई।

नई दिल्ली। आज देश में धूमधाम से जन्माष्टमी (Janmashtami) का पर्व मनाया जा रहा है। भगवान कृष्ण की द्वारका नगरी वाले गुजरात में इस पर्व का खास उल्लास देखने को मिलता है। लंबे समय तक गुजरात के सीएम रहे पीएम नरेंद्र मोदी की जन्माष्टमी से जुड़ी एक रोचक कहानी है। 1984 में उन्होंने इस पर्व के अवसर पर समाज को एकजुट कर दंगा रोका था।

नरेंद्र मोदी उस समय युवा थे। वे RSS में प्रचारक के तौर पर काम कर रहे थे। 1984 में गुजरात के साबरकांठा जिले का प्रांतिज शहर सांप्रदायिक हिंसा की कगार पर था। तनाव बहुत ज्यादा था। हिंसक तत्व पूरे इलाके में उत्पात मचा रहे थे। इससे हिंदू समाज में डर फैल गया था। बहुत से परिवारों को पलायन करना पड़ा था।

Latest Videos

संकट के इस समय में प्रांतिज के कुछ कार्यकर्ता करीब 100 किलोमीटर यात्रा कर नरेंद्र मोदी से मार्गदर्शन लेने अहमदाबाद आए। उनकी चिंताओं को सुनने के बाद मोदी ने कहा कि आपलोग प्रांतिज लौट जाएं। इस संकट के समाधान के लिए हमारे पास एक योजना है।

नरेंद्र मोदी ने प्रांतिज पहुंचकर बुलाई बैठक

जल्द ही नरेंद्र मोदी प्रांतिज पहुंचे। उन्होंने दो प्रमुख इलाकों (बड़ी भागोल और नानी भागोल) में बैठकें बुलाईं। इसमें RSS कार्यकर्ता, समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधि, नेता, आध्यात्मिक संगठन और अन्य क्षेत्रों के प्रमुख लोग शामिल हुए। प्रांतिज में आरएसएस के कुछ ही कार्यकर्ता और शाखाएं थीं। मोदी का लक्ष्य एक व्यापक गठबंधन को एक साथ लाना था।

बैठक में नरेंद्र मोदी ने कहा कि विवाद के स्थायी समाधान का रास्ता हिंसा से नहीं निकाला जा सकता। हिंसा से दूरियां बढ़ती हैं। असली समाधान एकता में है। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि हिंदू समुदाय एक सामाजिक कार्यक्रम के माध्यम से एक साथ आए। जन्माष्टमी करीब थी। उन्होंने इस अवसर का इस्तेमाल समाज को एकजुट करने के लिए करने का सुझाव दिया।

नरेंद्र मोदी ने रहा भव्य जन्माष्टमी जुलूस आयोजित करने का प्रस्ताव

प्रांतिज के लोगों को नरेंद्र मोदी का प्रस्ताव पसंद आया। सभी ने इसका उत्साहपूर्वक स्वागत किया। मोदी ने भव्य जन्माष्टमी जुलूस आयोजित करने का प्रस्ताव रखा। कहा कि इससे विभिन्न संप्रदाय और समुदाय एक साथ आएंगे। भव्य जुलूस का आयोजन किया जाए। इसमें भगवान कृष्ण की तस्वीरों के साथ सजे हुए रथ शामिल होंगे।

इस विचार ने जल्द ही लोकप्रियता हासिल कर ली। मोदी ने खुद तैयारियों की देखरेख की। लोगों को ट्रैक्टर और बैलगाड़ी सहित वाहनों को रथ के रूप में सजाने के लिए प्रोत्साहित किया। सबसे अच्छे ढंग से सजाए गए रथ के लिए प्रतियोगिता आयोजित की। प्रत्येक इलाके को इसमें भाग लेने के लिए कहा। सड़कों पर स्वागत द्वार सजाए गए। भोजन और पानी के लिए व्यवस्था की गई।

नरेंद्र मोदी ने सुनिश्चित किया कि आयोजन में किसी की अनदेखी न हो। हिंदू समाज का हर वर्ग, चाहे वह किसी भी जाति या संप्रदाय का हो, शोभा यात्रा में शामिल हुआ। मोदी ने कई बैठकें कीं, जिसका उद्देश्य इसे जन आंदोलन बनाना था।

शोभा यात्रा के दिन प्रांतिज में अलग ही नजारा दिखा। हजारों लोग इकट्ठा हुए, सड़कों पर इतनी भीड़ थी कि चलने के लिए जगह नहीं थी। सजे-धजे रथ से सड़क भरे थे। वातावरण भजन, संगीत और नृत्य से जीवंत था। शहर एकजुटता की शक्तिशाली भावना से भरा हुआ था। इस आयोजन की सफलता ने प्रांतिज पर गहरा प्रभाव डाला। हिंदू समुदाय की एकता शहर ने हिंसा को रोका। बिना किसी टकराव के दंगा रुक गया। मोदी के प्रयासों ने तनाव कम किया।

यह भी पढ़ें- ये हैं भगवान श्रीकृष्ण के 7 प्रमुख मंदिर, इनसे जुड़े रहस्य समझना है मुश्किल

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

SDM थप्पड़कांड के बाद हर तरफ बवाल, ठप हो गया राजस्थान और नरेश मीणा को घसीटते हुए ले गई पुलिस
'जब तक कलेक्टरनी की मेंहदी न उतार दूं...' नरेश मीणा का एक और वीडियो हुआ वायरल
SDM थप्पड़ कांड और बवाल, फरार नरेश मीणा आ गए सामने, जानें क्या कहा । Naresh Meena । Deoli Uniara
वोटिंग के बीच नरेश मीणा ने SDM को ही मार दिया थप्पड़, जानें वायरल वीडियो का पूरा सच
डोनाल्ड ट्रंप की कैबिनेट में हो सकते हैं 3 NRI, एक भारतीय महिला को मिली बड़ी जिम्मेदारी