भाजपा में अब शुरू हुआ 'नड्डा युग', निर्विरोध 11 वें राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए जेपी नड्डा

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जेपी नड्डा को आज बीजेपी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर काम कर रहे जेपी नड्डा के इस पद पर निर्विरोध चुने गए।

Asianet News Hindi | Published : Jan 20, 2020 3:40 AM IST / Updated: Jan 20 2020, 03:14 PM IST

नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जेपी नड्डा को आज बीजेपी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर काम कर रहे जेपी नड्डा के इस पद पर निर्विरोध चुने गए। नड्डा भाजपा के अध्यक्ष पद के लिए लंबे समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की पसंद के तौर पर देखे जाते रहे हैं। इसके साथ ही नड्डा मौजूदा समय में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कमान संभालें हुए थे। भाजपा के संगठनात्मक चुनाव के अंतर्गत पार्टी के राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी राधा मोहन सिंह ने जेपी नड्डा को वर्ष 2019-22 के लिए निर्विरोध भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया।

जुलाई में बनें कार्यकारी अध्यक्ष 

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अमित शाह के गृहमंत्री बनने के बाद भाजपा ने उनका उत्तराधिकारी चुनने की कवायद शुरू कर दी थी क्योंकि पार्टी में 'एक व्यक्ति एक पद' की परंपरा रही है। नड्डा को गत वर्ष जुलाई में कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। यह इस बात का संकेत था कि हिमाचल प्रदेश से भाजपा के नेता संगठन के शीर्ष पद के लिए संभावित पसंद हैं।

संघ के विश्वसनीय नेता हैं नड्डा 

हिमाचल प्रदेश के एक ब्राह्मण परिवार से आने वाले जेपी नड्डा पार्टी के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं। नड्डा भाजपा की पितृ संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विश्वसनीय चेहरा माने जाते हैं। नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में स्वास्थ्य मंत्री रहे 58 साल के नड्डा अपनी लो-प्रोफाइल को बनाए रखने की वजह से कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर चुना गया था। 

लोकसभा चुनाव में मिली थी यूपी की कमान

नड्डा 2019 के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा के चुनाव अभियान के प्रभारी थे। भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीटों में से 62 पर जीत दर्ज की। आम चुनावों में भाजपा के लिए महत्वपूर्ण राज्य संभालने के अलावा नड्डा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री थे। वह संसदीय बोर्ड के एक सदस्य रहे हैं जो कि पार्टी का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है। 

अमित शाह का कार्यकाल पूरा

भाजपा में हमेशा से ही अध्यक्ष पद का चुनाव आम सहमति और बिना किसी मुकाबले के हुआ है ऐसे में बहुत कम संभावना है कि इस बार भी पार्टी की परंपरा में कुछ बदलाव देखने को मिलेगा। नए अध्यक्ष के चुनाव के साथ ही पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष अमित शाह का साढ़े पांच साल से अधिक का कार्यकाल भी समाप्त हो गया। अमित शाह के अध्यक्ष के तौर पर रहा कार्यकाल भाजपा के लिए चुनावों के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ रहा। हालांकि नए अध्यक्ष के सामने चुनौतियों का पहाड़ खड़ा है। जिससे उन्हें पार पाना आसान नहीं होगा। 

कौन हैं जेपी नड्डा 

पटना में 1960 में जन्में जगत प्रकाश नड्डा ने बीए और एलएलबी की परीक्षा पटना से पास की थी और शुरु से ही वे एबीवीपी से जुड़े हुये थे। नड्डा जब 16 बरस के थे तो जेपी आंदोलन से जुड़ गए। लिहाजा, राजनीति का ककहरा मंझे राजनेताओं के दौर में सीखने को मिला। इसके बाद सीधे छात्र राजनीति से जुड़ गए। उनकी काबिलियत देखते हुए ही 1982 में उन्हें उनकी पैतृक जमीन हिमाचल में विद्यार्थी परिषद का प्रचारक बनाकर भेजा गया। वहां छात्रों के बीच नड्डा ने ऐसी लोकप्रियता हासिल कर ली थी कि उनके नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश विवि के इतिहास में पहली बार एबीवीपी ने जीत हासिल की। 

राजनीतिक सफर 

- वे पहली बार 1993 में हिमाचल प्रदेश से विधायक चुने गये थे। उसके बाद वे राज्य और केंद्र में मंत्री भी रहे हैं। 

- वे 1994 से 1998 तक हिमाचल प्रदेश में विधानसभा में पार्टी के नेता भी रहे। 

- इसके बाद 1998 में फिर विधायक चुने गये। इस बार उन्हें स्वास्थ्य और संसदीय मामलों का मंत्री बनाया गया। 

- 2007 में उन्हें फिर से चुनाव जीतने का अवसर मिला और प्रेम कुमार धूमल की सरकार में उन्हें वन-पर्यावरण, विज्ञान व टेक्नालॉजी विभाग का मंत्री बनाया गया। 

- 2012 में जेपी नड्डा को राज्यसभा का सांसद चुना गया। उन्हें 2014 में मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई। 

- 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। सपा-बसपा के गठबंधन को हरा कर उत्तर प्रदेश में लोकसभा में 80 में से 62 सीटों पर जीत दिलाने में सफलता हासिल की। 

- 2019 जुलाई में जगत प्रकाश नड्डा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया।

अब तक ये रहे राष्ट्रीय अध्यक्षः 

1. अटल बिहारी वाजपेयी (1980- 1986)

2. लालकृष्ण आडवाणी (1986-1991)

3. मुरली मनोहर जोशी (1991-1993)

लालकृष्ण आडवाणी (1993-1998)

4. कुशाभाऊ ठाकरे (1998-2000)

5. बंगारु लक्ष्मण (2000-2001)

6. जन कृष्णमूर्ति (2001-2002)

7. वेंकैया नायडू (2002-2004)

लालकृष्ण आडवाणी (2004-2005)

8. राजनाथ सिंह (2005-2009)

9. नितिन गडकरी (2009-13)

राजनाथ सिंह (2013-14)

10. अमित शाह, (2014-2020)

11. जेपी नड्डा, (2020 से शुरू)

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