प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को शुक्रवार को ‘सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन’ ने एक सादे समारोह में विदाई दी। इस समारोह में परंपरागत भाषण भी नहीं हुये। देश के 46 वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति गोगोई ने शुक्रवार को अंतिम बार शीर्ष अदालत की पीठ की अध्यक्षता की।
नयी दिल्ली. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को शुक्रवार को ‘सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन’ ने एक सादे समारोह में विदाई दी। इस समारोह में परंपरागत भाषण भी नहीं हुये। देश के 46 वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति गोगोई ने शुक्रवार को अंतिम बार शीर्ष अदालत की पीठ की अध्यक्षता की। उनका अंतिम कार्य दिवस 15 नवंबर था। वह रविवार 17 नवंबर को अपने पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। शनिवार और रविवार को सुप्रीम कोर्ट अपना कार्य नहीं करता इस वजह से दो दिन पहले ही जस्टिस गोगोई को विदाई दे दी गई।
इस समारोह में मनोनीत प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे सहित शीर्ष अदालत के लगभग सभी न्यायाधीश उपस्थित थे। बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इस समारोह में निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश को गुलदस्ते भेंट कर उनका अभिवादन किया।
इस वजह से नहीं हुआ कोई भाषण
एससीबीए की कार्यवाहक सचिव प्रीति सिंह ने उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों एवं अन्य अतिथियों से कहा कि विदाई कार्यक्रम को सादा रखा गया है जिसमें निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश के आग्रह पर कोई भाषण नहीं होगा। एससीबीए अध्यक्ष राकेश खन्ना ने अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि न्यायमूर्ति गोगोई शीर्ष अदालत के शानदार न्यायाधीशों में एक हैं।
प्रधान न्यायाधीश गोगोई, न्यायमूर्ति बोबडे और न्यायमूर्ति रमण के बगल में बैठे थे और वह अन्य न्यायाधीशों से बात कर रहे थे तथा वकीलों से शुभकामनाएं प्राप्त कर रहे थे। अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल और सॉलीसीटर जनरल तुषाार मेहता भी न्यायाधीशों के पास बैठे हुए थे।
(यह खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा की है, एसियानेट हिंदी की टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)