कैलासा को एक और झटका: अमेरिकी शहर ने स्वामी नित्यानंद के कथित देश के साथ हुए एग्रीमेंट को बताया धोखा, नेवार्क की प्रेस सचिव बोलीं-हो रहा पछतावा

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत छोड़ने के बाद, नित्यानंद ने 2019 में इक्वाडोर के तट पर एक द्वीप पर 'कैलासा' की स्थापना की।

Kailasa agreement cancelled: भारत के भगोड़े स्वामी नित्यानंद के कथित देश कैलासा का सच सामने आने के बाद अब कार्रवाईयां शुरू हो गई है। अमेरिका के शहर नेवार्क ने कैलासा के साथ अपना सिस्टर सिटी एग्रीमेंट कैंसिल कर दिया है। नेवार्क की प्रेस सचिव ने बताया कि कैलासा की ओर से उन लोगों को धोखे में रखकर एग्रीमेंट कराया गया था। नेवार्क की प्रेस सचिव सुजैन गैरोफलो ने एग्रीमेंट पर पछतावा जताते हुए कहा कि जैसे ही हमें कैलासा की परिस्थितियों के बारे में पता चला हमने एग्रीमेंट खत्म कर दिया।

इसी एग्रीमेंट के साथ शुरू हुई थी नित्यानंद की देश वाली झूठ

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अमेरिका के शहर नेवार्क ने बीते 11 जनवरी को भगोड़े स्वामी नित्यानंद के कथित कैलासा के साथ एक सिस्टर सिटी एग्रीमेंट किया था। इस एग्रीमेंट के होने के बाद नित्यानंद ने दावा किया था कि अमेरिका ने उसके देश को मान्यता दे दी है। नित्यानंद ने इस एग्रीमेंट से जुड़े कार्यक्रम के कई फोटोज भी फेसबुक पर शेयर की थी।

एक हफ्ते में ही एग्रीमेंट रद्द करने की कार्रवाई शुरू कर दी

हालांकि, नेवार्क के साथ सिस्टर सिटी एग्रीमेंट होने के बाद जैसे ही जिम्मेदारों को स्वामी नित्यानंद और उसके कैलासा की असलियत का पता चला तो एग्रीमेंट खत्म करने की कार्रवाई शुरू कर दी। नेवार्क के काउंसिल मैन लुइस क्विंटाना ने 18 जनवरी को इस समझौते को रद्द करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया। क्विंटाना ने बताया कि किसी भी देश को सिस्टर सिटी एग्रीमेंट में शामिल होने के लिए वहां ह्यूमन राइट्स का सही तरह से पालन होना जरूरी है। हम किसी ऐसे देश को शामिल नहीं कर सकते जो विवादों में घिरा हो और जहां ह्यूमन राइट्स का पालन न होता हो। ये समझौता एक गलती थी जो हम नहीं कर सकते। इसके बाद प्रस्ताव पास करते हुए नेवार्क ने ये एग्रीमेंट रद्द कर दिया गया।

UN की एक मीटिंग के बाद चर्चा में फिर आया कैलासा

दरअसल, विवादास्पद स्वामी नित्यानंद के कथित देश 'यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलास (USK)' के प्रतिनिधियों ने पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में भाग लिया था। इस मीटिंग के दौरान की सभी महिला प्रतिनिधिमंडल की तस्वीरें नित्यानंद ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट की थीं। सदस्यों में विजयप्रिया नित्यानंद थीं, जो 'कैलासा' की संयुक्त राष्ट्र की चेहरा कथित तौर पर थीं। विजय प्रिया ने आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों की समिति (CESCR) द्वारा आयोजित एक चर्चा के दौरान स्वामी नित्यानंद को हिंदू धर्म का सर्वोच्च पुजारी बताते हुए उसके सुरक्षा की मांग की। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म की प्राचीन परंपराओं को पुनर्जीवित करने के लिए नित्यानंद को सताया जा रहा है और यहां तक कि उनके जन्म के देश से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

कहां है कैलासा?

साल 2010 में स्वामी नित्यानंद पर उसकी एक शिष्या ने रेप का आरोप लगाया था। गुजरात पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की। 2019 में गुजरात पुलिस ने कहा कि नित्यानंद के आश्रम में बच्चों को किडनैप करके रखा जाता है। पुलिस ने रेड कर दो लोगों को अरेस्ट भी किया था। लेकिन इसी साल 2019 में स्वामी नित्यानंद देश छोड़कर फरार हो गया। उसके खिलाफ बलात्कार और यौन उत्पीड़न सहित कई मामले दर्ज थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत छोड़ने के बाद, नित्यानंद ने 2019 में इक्वाडोर के तट पर एक द्वीप पर 'कैलासा' की स्थापना की। देश का नाम हिमालय में एक पर्वत के नाम पर रखा गया है जिसे भगवान शिव का पौराणिक निवास माना जाता है। हालांकि, उस समय इक्वाडोर ने नित्यानंद के दावे को गलत बताया था।

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