जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी की अंदरुनी कलह एक बार फिर सामने आने लगी है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा, कांग्रेस में सुधारों की सख्त जरूरत है और पार्टी लीडरशिप को अब सुनना होगा। उन्होंने कहा, मुझे भरोसा है कि लीडरशिप को समस्याओं के बारे में पता है और उम्मीद है कि वे सुनेंगे। क्योंकि बिना सुने कुछ भी नहीं चल सकता।
नई दिल्ली. जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी की अंदरुनी कलह एक बार फिर सामने आने लगी है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा, कांग्रेस में सुधारों की सख्त जरूरत है और पार्टी लीडरशिप को अब सुनना होगा। उन्होंने कहा, मुझे भरोसा है कि लीडरशिप को समस्याओं के बारे में पता है और उम्मीद है कि वे सुनेंगे। क्योंकि बिना सुने कुछ भी नहीं चल सकता।
इतना ही नहीं सिब्बल ने कहा, कॉरपोरेट की तरह राजनीति भी है। इसमें बिना बात सुने सर्वाइव नहीं कर सकते। अगर आप नहीं सुनेंगे तो आपके बुरे दिन शुरू हो जाएंगे।
मैं मरते दम तक भाजपा में नहीं जाऊंगा
हालांकि, सिब्बल ने साफ कर दिया, भले ही उन्होंने कांग्रेस में बगावत की हो, लेकिन वे भाजपा में शामिल नहीं होंगे। कपिल सिब्बल ने जितिन प्रसाद जैसा कदम उठाने, यानी BJP में जाने की बात से साफ इंकार कर दिया। सिब्बल ने कहा, ऐसा उनके मरने के बाद ही हो सकता है। सिब्बल ने कहा, अगर पार्टी नेतृत्व उनसे कांग्रेस छोड़ने को कहता है, तो वे छोड़ सकते हैं, लेकिन भाजपा में नहीं जाएंगे।
यह 'प्रसाद राम पॉलिटिक्स'
जितिन के फैसले को सिब्बल ने 'प्रसाद राम पॉलिटिक्स' बताया। उन्होंने कहा, यह विचारधारा के चलते नहीं बल्कि निजी फायदे के लिए लिया गया फैसला है। सिब्बल कांग्रेस के उन 23 बागी नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने पिछले साल सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी नेतृत्व में परिवर्तन की मांग की थी।
जितिन के निजी कारण हो सकते हैं
सिब्बल ने कहा, कांग्रेस में सुधारों की जरूरत है। पार्टी लीडरशिप को अब सुनना होगा। लेकिन उन्होंने कहा, यह समझ से परे है कि जितिन प्रसाद जैसा व्यक्ति भाजपा में गया। अगर मुद्दों का समाधान होने के बावजूद किसी को लगता है कि उसे कुछ नहीं मिल रहा तो वह चला जाएगा। जितिन के पास भी पार्टी छोड़ने के कारण हो सकते हैं।