पूर्व में अटकलें लगाई जा रही थीं कि डीके सुरेश को पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी या पूर्व मंत्री अशोक के खिलाफ रामनगर से चुनाव मैदान में उतारा जाएगा।
Karnataka Assembly election 2023: कर्नाटक चुनाव में कई वीवीआईपी सीट्स पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। राज्य की कनकपुरा सीट भी हाईप्रोफाइल लड़ाई का सामना करने जा रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार यहां से प्रत्याशी हैं। हालांकि, तमाम अटकलों के बीच उनके भाई डीके सुरेश ने भी पर्चा दाखिल कर दिया है। डीके सुरेश, कांग्रेस के सांसद हैं। माना जा रहा है कि पर्चा खारिज होने के अंदेशा में डीके सुरेश को बैकअप के लिए नॉमिनेशन कराया गया है। नामांकन प्रक्रिया खत्म होने के कुछ ही घंटों पहले अप्रत्याशित रूप से डीके सुरेश ने अपना पर्चा दाखिल कर दिया।
कौन हैं डीके सुरेश?
डीके सुरेश, बेंगलुरू ग्रामीण लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद हैं। कांग्रेस कद्दावर नेता डीके सुरेश के वह भाई भी हैं। पूर्व में अटकलें लगाई जा रही थीं कि डीके सुरेश को पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी के खिलाफ रामनगर से चुनाव मैदान में उतारा जाएगा।
यही नहीं शिवकुमार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे पूर्व मंत्री अशोक के खिलाफ बीजेपी को घेरने के लिए पद्मनाभनगर से भी उतारने की बात कही जा रही थी। हालांकि, उन्होंने पहले ही कह दिया था कि उनको राज्य की राजनीति में आने में कोई दिलचस्पी नहीं है। वह संसदीय राजनीति में ही ठीक हैं।
डीके शिवकुमार के खिलाफ ईडी जांच
दरअसल, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के खिलाफ ईडी सहित कई जांच चल रही है। कथित मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी के मामलों में डीके शिवकुमार के खिलाफ ईडी और इनकम टैक्स जांच से चुनाव प्रभावित होने की आशंका में कांग्रेस ने इस कदम को एहतियात के रूप में उठाया है।
डीके शिवकुमार को राज्य के सबसे प्रभावशाली और शक्तिशाली नेताओं में से एक माना जाता है। 2017 से केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कई छापे और समन का सामना कर रहे हैं। उन्होंने सभी आरोपों से इनकार करने के साथ पूरी कार्रवाई को भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया है।
सात बार विधायक चुनाव जीत हुए हैं वोक्कालिगा लीडर शिवकुमार
कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार, वोक्कालिगा समुदाय के गढ़ कनकपुरा से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने 1989 के बाद से सात विधानसभा चुनाव जीते हैं। 2018 में डीके शिवकुमार ने सीट को 80,000 से अधिक मतों के अंतर से जीता था। भाजपा ने कनकपुरा से पूर्व मंत्री आर अशोक को मैदान में उतारा है। अशोक भी प्रमुख वोक्कालिगा समुदाय से संबंधित हैं। अशोक को पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का करीबी सहयोगी माना जाता है।
यह भी पढ़ें: