कर्नाटक में सोमवार को चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है। इसके साथ ही यहां चुनाव प्रचार थम जाएगा। आखिरी दिन सभी राजनीतिक दल आखिरी बार अपना दमखम दिखाएंगे।
बेंगलुरु: कर्नाटक में सोमवार को चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है। इसके साथ ही यहां चुनाव प्रचार थम जाएगा। बता दें कि राज्य में 10 मई को वोटिंग होनी हैं। चुनाव जीतने के लिए बीजेपी, कांग्रेस और JDS ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस के लिए कर्नाटक चुनाव जीतना एक बड़ी चुनौती है। इतना ही नहीं आगामी विधानसभा चुनाव कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को खुद को साबित का मौका होगा, क्योंकि वह कर्नाटक से ही आते हैं।
कांग्रेस कर्नाटक की सत्ता में वापसी कर खुद को 2024 के लोकसभा चुनाव में मुख्य विपक्षी दल के रूप में स्थापित करने की कवायद में जुटी है। वहीं, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी सत्ता में वापसी करके 38 साल पुरानी परंपरा को तोड़ने और दक्षिण भारत में अपने गढ़ को बचाने की कोशिश में जुटी है। वहीं, जेडीएस किंगमेकर की जगह किंग बनने का सपना देख रही है।
कर्नाटक में फिर से सरकार बनाना चाहेगी बीजेपी
दूसरी ओर बीजेपी भी चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। राज्य में फिलहाल बिस्वाराज बोम्मई के नेतृ्त्व में भाजपा की सरकार है। ऐसे में सरकार फिर से सत्ता में वापसी करना चाहेगी। यह कारण के यहां पीएम मोदी के अलावा बीजेपी के दिग्गज नेता प्रचार कर रहे हैं। गौरतलब है पीएम मोदी ने खुद यहां पर अब तक 18 जनसभा और 6 रोड शो कर चुके हैं।
सत्ता में वापसी करना चाहेगी कांग्रेस
वहीं, विधानसभा चुनाव प्रचार के अंतिम दिन सोमवार को गांधी परिवार पूरी ताकत झोंकेगा। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी कर्नाटक में लगातार डेरा जमाए हुए हैं। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन प्रियंका कर्नाटक में रोड शो और जनसभा को संबोधित करेंगी। इस दौरान राहुल गांधी भी उनके साथ रहेंगे।इसके अलावा कर्नाटक कांग्रेस के नेता सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार अंतिम दिन अपने क्षेत्र में नजर आएंगे.
किंग बनना चाहेगी जनता दल (सेक्युलर)
वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व में जनता दल (सेक्युलर) को चुनाव प्रचार में अपनी पूरी शक्ति झोंक देते देखा जा सकता है। जनता दल इस बार किंगमेकरनहीं, बल्कि किंग बनना चाहता है। जेडीएस की तरफ से चुनावी कमान पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने जान झोंक दी है।