सिद्धारमैया का मुख्यमंत्री बनना लगभग तय, डीके शिवकुमार और सिद्धा के बीच समझौता कराएंगे कांग्रेस चीफ

सिद्धारमैया को खड़गे ने फिर बुलाया है। वह कुछ रणनीतियों पर चर्चा करेंगे इसके बाद खड़गे डीके शिवकुमार से मुलाकात करेंगे।

Dheerendra Gopal | Published : May 16, 2023 11:44 AM IST / Updated: May 16 2023, 08:15 PM IST

Karnataka CM decision: कांग्रेस ने कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद के लिए नाम चयन कर लिया है। कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया होंगे। देर रात तक उनके नाम का ऐलान हो सकता है। हालांकि, सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच 50-50 के फार्मूले पर सहमति नहीं बन सकी है। कांग्रेस हाईकमान अब दोनों नेताओं के बीच समझौता कराने के लिए बागडोर संभाल ली है।

खड़गे कराएंगे समझौता फिर दोनों करेंगे सोनिया गांधी से मुलाकात

दरअसल, मंगलवार शाम को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सिद्धारमैया को मिलने के लिए बुलाया। इसके पहले उनसे डीके शिवकुमार ने मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच समझौता कराने के बाद खड़गे पूरी ब्रीफिंग सोनिया गांधी को देंगे। सोनिया गांधी अभी दिल्ली से बाहर हैं। शिमला से वापस लौटने के बाद सोनिया गांधी से दोनों दिग्गजों को मिलवाया जाना था लेकिन ऐन वक्त  तय हुआ कि  बेंगलुरू में विधायकों के सामने सारे फैसले होंगे। अब अध्यक्ष खड़गे स्वयं बेंगलुरू जाएंगे। इसके बाद नए सीएम के नाम का ऐलान होगा।

सुबह से चल रहा है  मीटिंग्स का दौर, डीके भी पहुंचे

मुख्यमंत्री का नाम तय करने के मैराथन माथापच्ची हो रही है। कांग्रेस हाईकमान से लेकर दिग्गज प्रमुख नेता कई दौर की मीटिंग कर चुके हैं। उधर, डीके शिवकुमार भी दिल्ली पहुंच चुके हैं। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, सारा समझौता हो चुका है। अब केवल औपचारिकता भर की देर है। उधर, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के सी वेणुगोपाल ने राहुल गांधी के साथ एक मीटिंग की हैं। दोनों नेताओं के बीच खींचतान का असर भविष्य के चुनावों पर न पड़े इसके लिए पार्टी फूंक-फूंककर कदम आगे बढ़ा रही है। फिलहाल, सोनिया गांधी के दिल्ली पहुंचने के बाद नाम को  सार्वजनिक करने का प्लान है।

तीन दशक के सारे रिकॉर्ड को कांग्रेस ने तोड़ा

कांग्रेस की यह जीत 30 वर्षों में सीटों और वोट शेयर दोनों के मामले में एक रिकॉर्ड है। पार्टी ने 136 सीटों पर जीत हासिल की है। यह 2018 की तुलना में 55 अधिक है। साथ ही 42.88 प्रतिशत का वोट शेयर भी हासिल किया है। कांग्रेस इस स्कोर के सबसे करीब 1999 में आई थी जब उसने 132 सीटें जीती थीं और उसका वोट शेयर 40.84 प्रतिशत था। 1989 में, इसने 43.76 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 178 सीटें जीतीं। बीजेपी ने 36 फीसदी वोट शेयर के साथ 66 सीटें जीती हैं। एचडी कुमारस्वामी की जेडीएस ने 13.29 फीसदी वोट शेयर के साथ 19 सीटें जीती हैं।

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