NCP कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 40-45 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की प्लानिंग कर रही है। एनसीपी के महाराष्ट्र एकीकरण समिति के साथ साझेदारी करने की उम्मीद भी जताई जा रही है।
नई दिल्ली। दो दिन पहले ही लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने की दिशा में पहल के तहत NCP (Nationalist Congress Party) प्रमुख शरद पवार की मुलाकात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से हुई थी। दो दिन बाद ही ऐसी खबर आ रही है जिससे विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश को धक्का लगता दिख रहा है।
NCP कर्नाटक में 40-45 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की प्लानिंग कर रही है। इससे विपक्षी दलों के वोटों के बिखरने का खतरा है। ऐसा हुआ तो कांग्रेस की परेशानी बढ़ सकती है। एनसीपी का राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्जा खत्म हो गया है। पार्टी ने गोवा, मणिपुर और मेघालय में अपनी राज्य पार्टी का दर्जा भी खो दिया है। इसके चलते पार्टी देशभर में अपनी ताकत बढ़ाने पर काम कर रही है। एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, "हमें अपनी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा फिर से हासिल करने के लिए कदम उठाने होंगे।"
एनसीपी को मिला है अलार्म क्लॉक सिंबल
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने एनसीपी को अलार्म क्लॉक सिंबल दिया है। ऐसा कहा जा रहा है कि एनसीपी महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा क्षेत्र के विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार सकती है। कर्नाटक के इस हिस्से में मराठी बोलने वाले लोग अधिक रहते हैं। एनसीपी के महाराष्ट्र एकीकरण समिति के साथ साझेदारी करने की उम्मीद भी जताई जा रही है।
बता दें कि गुरुवार शाम को शरद पवार ने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ मुलाकात की थी। इससे पहले शरद पवार ने अदाणी मामले में कांग्रेस के स्टैंड से अलग बयान दिया था। कांग्रेस जहां इस मामले की जांच के लिए JPC (संयुक्त संसदीय समिति) के गठन की मांग कर रही है। वहां, शरद पवार ने कहा था कि JPC से सच्चाई सामने आएगी इसकी संभावना कम है क्योंकि इसमें सत्ताधारी पार्टी के लोग अधिक संख्या में होंगे।
यह भी पढ़ें- Karnataka Elections 2023: कांग्रेस ने जारी की 61 पर्यवेक्षकों की लिस्ट, करेंगे चुनावी तैयारियों की निगरानी