चुनावी गारंटी पूरी करने में कर्नाटक सरकार फेल, आलाकमान से अंतर्कलह आने लगी सामने

कर्नाटक सरकार और आलाकमान के बीच रार बढ़ने लगी है। कर्नाटक सरकार चुनावी गारंटियां पूरी करने में  विफल रही है। कर्नाटक सरकार ने फाइनेंशियल हालात को मेनटेन करने के लिए बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप का  सहारा लिया है। 

Yatish Srivastava | Published : Jun 21, 2024 7:18 AM IST

नेशनल डेस्क। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार लड़खड़ाती नजर आ रही है। कांग्रेस सरकार चुनाव के दौरान दी गई अपनी गारंटी पूरी कर पाने में फेल साबित हुई है। इससे आलाकमान की नजरें भी अब उसे लेकर टेढ़ी होती जा रही है। ऐसे में अब कांग्रेस नेताओं के बीच अंतर्कलह भी उत्पन्न होने लगी है। इससे नेताओं के बीच वादविवाद की स्थिति भी बढ़ने लगी है।    

हर साल 40 हजार करोड़  जुटाने का दबाव
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार से आलाकमान भी कुछ खास खुश नहीं है। अब आलाकमान और कर्नाटक सरकार के बीच अंदरूनी कलह शुरू हो गई है। प्रदेश कांग्रेस पर मुफ्त सुविधाओं के लिए हर साल 40 हजार करोड़ रुपये जुटाने का दबाव है। महंगाई बढ़ाने के बाद भी सरकार धन एकत्र नहीं कर पा रही है। सरकार ने ईंधन की कीमतों में 3 रुपये प्रति लीटर, स्टाम्प ड्यूटी में 500% तक, वाहनों की खरीद पर अतिरिक्त कर लगाने और जल कर, बस किराए और संपत्ति कर में वृद्धि के प्रस्ताव के बाद भी राजस्व के घाटे को पूरा करना मुश्किल हो रहा है। इससे कर्नाटक सरकार की वार्षिक उधारी 1 लाख करोड़ से अधिक बढ़ गई है।

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घाटे से ऊबारने के लिए बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप हायर 
हाल ये है  कि कर्नाटक सरकार ने ब इन गारंटियों को फाइनेंशि करने के लिए धन जुटाने के तरीके खोजने के लिए लगभग 10 करोड़ की भारी लागत पर बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप को नियुक्त किया है। यह सरकार के लिए घाटे से ऊबरने के रास्ते खोजेगी। कांग्रेस और उसके डेटा एनालिटिक्स विभाग के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती ने कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि क्योंकि उन्होंने चुनाव से पहले मुख्य राजनीतिक कार्यों को बाहरी एजेंसियों को आउटसोर्स किया था, अब उन्हें मुख्य सरकारी कार्यों को भी बाहरी एजेंसियों को आउटसोर्स करना होगा।

आलाकमान भी कर्नाटक सरकार से नाराज
राहुल गांधी के सबसे करीबी सलाहकारों में शामिल प्रवीण चक्रवर्ती का अपनी ही पार्टी के प्रति आलोचनात्मक शब्दों का प्रयोग करना दर्शाता है कि इसके पीछे राहुल गांधी की मौन सहमति शामिल है। इससे साफ है कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के प्रदर्शन से नाखुश हैं। आलाकमान और कर्नाटक सरकार के बीच झगड़ा बड़े स्तर पर चल रहा है।  

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