कर्नाटक सरकार ने पीछे खींचे कदम, स्थानीय लोगों के लिए आरक्षण वाला विधेयक रोका

भारी विरोध के चलते कर्नाटक सरकार ने प्राइवेट कंपनियों में स्थानीय लोगों को आरक्षण संबंधी विधेयक रोक दिया है। इसे गुरुवार को विधानसभा में पेश किए जाने की संभावना थी।

 

Vivek Kumar | Published : Jul 17, 2024 3:26 PM IST / Updated: Jul 17 2024, 09:23 PM IST

बेंगलुरु। प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय लोगों को आरक्षण संबंधी विधेयक कर्नाटक सरकार ने रोक दिया है। भारी विरोध के चलते राज्य सरकार को अपने कदम पीछे खींचने पड़े। इससे पहले कर्नाटक मंत्रिमंडल ने विधेयक को मंजूरी दी थी। इसमें निजी क्षेत्र में 50 प्रतिशत प्रबंधन पदों और 75 प्रतिशत गैर-प्रबंधन पदों पर कन्नड़ लोगों की नियुक्ति का प्रस्ताव है।

उद्योग जगत के भारी विरोध के चलते कर्नाटक सरकार को लेना पड़ा फैसला

Latest Videos

कर्नाटक सरकार को उद्योग जगत के भारी विरोध के चलते यह फैसला लेना पड़ा है। विधेयक में निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों के लिए आरक्षण अनिवार्य किया गया था। उद्योग जगत का कहना था कि इससे राज्य में काम करना मुश्किल हो जाएगा। अब सरकार ने कहा है कि विधानसभा में पेश करने से पहले इस विधेयक पर फिर से विचार करेगी।

गुरुवार को विधानसभा में पेश किया जाना था विधेयक

पहले कर्नाटक राज्य उद्योग, कारखानों और अन्य प्रतिष्ठानों में स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार विधेयक, 2024 को गुरुवार को विधानसभा में पेश किए जाने की संभावना थी। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने मंत्रियों के साथ कैबिनेट बैठक में विधेयक को पास किया था। अपनी सरकार को "कन्नड़ समर्थक" बताया था। सीएम ने कहा था कि उनकी प्राथमिकता "कन्नड़ लोगों के कल्याण का ध्यान रखना" है।

आईटी उद्योग ने कहा था- विधेयक से बेंगलुरु में टेक इंडस्ट्री का विकास होगा बाधित

बेंगलुरु को भारत की सिलिकॉन वैली कहा जाता है। पूरे देश से आई पेशेवर यहां आते हैं। यहां आईटी उद्योग अच्छी तरह फल-फूल रहा है। प्राइवेट कंपनियों में स्थानीय लोगों को आरक्षण अनिवार्य करने वाला विधेयक लाए जाने पर आईटी उद्योग ने कड़ी आलोचना की। कहा कि इस तरह के विधेयक से बेंगलुरु में टेक इंडस्ट्री का विकास बाधित होगा, इससे नौकरियों पर असर पड़ेगा।

यह भी पढ़ें- "CM बने रहने के लिए फीस देते हैं सिद्धारमैया", राजीव चंद्रशेखर का बड़ा हमला

नैसकॉम ने कहा- विधेयक पास हुआ तो चली जाएंगी कंपनियां

सॉफ्टवेयर बॉडी नैसकॉम ने विज्ञप्ति जारी कर कहा, "नैसकॉम के सदस्य इस विधेयक के प्रावधानों को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं। हम राज्य सरकार से विधेयक वापस लेने का आग्रह करते हैं। विधेयक के प्रावधान ऐसे हैं कि टेक कंपनियों को नुकसान होगा। उनकी ग्रोथ रुक जाएगी। इससे कंपनियों के दूसर राज्यों में चले जाने और स्टार्टअप्स के लिए माहौल खराब होने का खतरा है। ऐसा तब होगा जब बहुत सी ग्लोबल कंपनियां कर्नाटक में निवेश करना चाह रही हैं।"

यह भी पढ़ें- सिद्धारमैया ने 100% कोटा बिल पर पोस्ट हटाया, मंत्री ने सफाई में कही ये बात

Share this article
click me!

Latest Videos

Bulldozer Action पर Asaduddin Owaisi ने BJP को जमकर धोया
कार से हो सकता हैं कैंसर! 99% गाड़ियों में है खतरा
चंद्रयान-मंगलयान के बाद अंतरिक्ष में भारत की नई उड़ान, जानें अगला मिशन । Venus Orbiter Mission
नक्सली सोच से लेकर भ्रष्टाचार के जन्मदाता तक, PM Modi ने जम्मू में कांग्रेस को जमकर सुनाया
Akhilesh Yadav LIVE: माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रेस वार्ता